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Donald Trump का ICC पर बड़ा कदम: चार जजों पर प्रतिबंध का ऐलान

डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के चार न्यायाधीशों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। यह कदम इजराइल और हमास के बीच चल रहे गाजा संघर्ष के दौरान कथित युद्ध अपराधों की जांच के संदर्भ में उठाया गया है। अमेरिका ने ICC की वैधता को नकारते हुए कहा है कि वह इजराइल की संप्रभुता की रक्षा करेगा। इस कदम की मानवाधिकार संगठनों द्वारा कड़ी निंदा की गई है। जानें इस मुद्दे पर अमेरिका का रुख और इसके संभावित प्रभाव।
 

ट्रंप प्रशासन का ICC के जजों पर प्रतिबंध

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में उनके प्रशासन ने अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) के चार न्यायाधीशों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। यह कार्रवाई इजराइल और हमास के बीच चल रहे गाजा संघर्ष के दौरान ICC द्वारा कथित युद्ध अपराधों की जांच के संदर्भ में की गई है। ट्रंप प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि वह अमेरिका और उसके सहयोगी इजराइल की संप्रभुता पर ICC की गतिविधियों को सहन नहीं करेगा।


विदेश मंत्री का बयान

विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने एक बयान में कहा कि इन चार न्यायाधीशों की अमेरिका में मौजूद संपत्तियों को जब्त किया जाएगा और उन्हें अमेरिका में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि ये जज ICC की अवैध और राजनीतिक रूप से प्रेरित जांच में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं, जो अमेरिका और इजराइल को निशाना बनाती है।


ICC की वैधता पर अमेरिका का रुख

ट्रंप प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि न तो अमेरिका और न ही इजराइल ICC के सदस्य हैं और वे इसकी वैधता को मान्यता नहीं देते। ट्रंप सरकार का मानना है कि ICC एक राजनीतिक उपकरण बन गया है, जो संप्रभु देशों की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप कर रहा है। विशेष रूप से, गाजा में इजराइली कार्रवाई और अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों पर ICC द्वारा की गई जांचों को अमेरिका ने 'अनुचित' और 'बेबुनियाद' करार दिया है।


गिरफ्तारी वारंट का मामला

बेनिन, स्लोवेनिया, पेरू और युगांडा के चार जजों पर प्रतिबंध लगाया गया है, जो इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने वाली पीठ का हिस्सा रहे हैं। इनमें से एक जज रेइन अलापिनी-गांसौ 2021 में फिलिस्तीनी क्षेत्रों की जांच को मंजूरी देने वाली पीठ में शामिल थीं।


मानवाधिकार संगठन की प्रतिक्रिया

ह्यूमन राइट्स वॉच की निदेशक लिज इवेनसन ने इस कदम की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन का उद्देश्य ICC को गाजा में इजराइली अपराधों की जांच से रोकना है, जो कानून के शासन पर सीधा हमला है। उनका कहना है कि ट्रंप और उनके सहयोगी न्याय को दंडित कर रहे हैं, जो अंतरराष्ट्रीय जवाबदेही के लिए खतरनाक संकेत है।


पिछले प्रयासों की पुनरावृत्ति

यह ध्यान देने योग्य है कि ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में भी ICC को निशाना बनाया था। उन्होंने इजराइल और अमेरिका के खिलाफ जांचों के चलते कोर्ट के अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए थे। हालांकि, 2021 में राष्ट्रपति जो बाइडेन के सत्ता में आने के बाद उन प्रतिबंधों को हटा लिया गया था।


अमेरिका की चेतावनी

मार्को रुबियो ने स्पष्ट किया है कि अमेरिका अपनी संप्रभुता, इजराइल और अन्य सहयोगियों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएगा। उन्होंने ICC को चेतावनी दी कि अमेरिका इस प्रकार की 'राजनीतिक न्याय' को स्वीकार नहीं करेगा।