Donald Trump का इजरायल-गाजा योजना पर समर्थन: क्या है इसके पीछे की कहानी?
ट्रंप का इजरायल के गाजा कब्जे का समर्थन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा गाजा पट्टी पर कब्जा करने की योजना का समर्थन किया है। ट्रंप ने इसे इजरायल का स्वायत्त निर्णय बताया और कहा कि आगे के निर्णय इजरायल की मर्जी पर निर्भर करेंगे। इसके साथ ही, उन्होंने गाजा में चल रहे मानवीय संकट के मद्देनजर अमेरिका की ओर से सहायता का आश्वासन भी दिया है। इस योजना को इजरायल के सुरक्षा मंत्रिमंडल ने स्वीकृति दी है, जिससे यूरोप, अरब और खाड़ी देशों के बीच तनाव बढ़ गया है.
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और हथियारों पर रोक
इजरायल की इस योजना के खिलाफ जर्मनी, फ्रांस, कनाडा और ब्रिटेन ने गाजा में उपयोग के लिए इजरायल को हथियारों का निर्यात रोक दिया है। ब्रिटेन ने इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक भी बुलाई है। इसी दौरान, अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड लैमी से मुलाकात की और कहा कि दोनों देशों के लक्ष्य समान हैं, लेकिन उनके कार्य करने के तरीके भिन्न हो सकते हैं.
नेतन्याहू का स्पष्टीकरण और हमास के खिलाफ कार्रवाई
नेतन्याहू ने अंतरराष्ट्रीय आलोचनाओं को खारिज करते हुए कहा है कि उनका इरादा गाजा पर कब्जा करना नहीं है, बल्कि हमास से इसे मुक्त करना है। उन्होंने यह भी कहा कि वे हमास और फिलिस्तीनी अधिकारियों के साथ मिलकर एक स्वतंत्र और शांतिपूर्ण प्रशासन स्थापित करना चाहते हैं, ताकि बंधकों की रिहाई संभव हो सके और भविष्य में खतरों को रोका जा सके.
इजरायली सेना की चिंताएं और जनता की प्रतिक्रियाएं
इजरायली सेना के प्रमुख इयाल जामिर ने चेतावनी दी है कि यह कब्जा बंधकों के लिए खतरा बन सकता है और सेना को मुश्किल में डाल सकता है। उन्होंने योजना को सावधानीपूर्वक लागू करने का आश्वासन दिया है। इस बीच, इजरायल की जनता में इस मुद्दे पर विभाजन देखने को मिल रहा है। कई लोग मानते हैं कि यह योजना हमास के शासन को समाप्त करने या बंधकों को छुड़ाने में सफल नहीं होगी। विपक्षी नेता यायर लापिद ने इसे एक आपदा करार दिया है.
अमेरिका में समर्थन और विरोध
वाशिंगटन में इजरायल के प्रति समर्थन बना हुआ है, लेकिन नेतन्याहू की युद्ध रणनीति और मानवीय नुकसान के कारण कुछ लोग नाराज भी हैं। सांसद मार्जोरी टेलर ग्रीन ने इस स्थिति को नरसंहार बताया है। वहीं, सीनेटर बर्नी सैंडर्स इजरायल को हथियारों की बिक्री रोकने के लिए समर्थन जुटाने का प्रयास कर रहे हैं.