ENG vs IND 4th Test: जसप्रीत बुमराह और सिराज की चोटों ने बढ़ाई चिंता
जसप्रीत बुमराह की चोट से बढ़ी चिंता
ENG vs IND 4th Test, Jasprit Bumrah: मैनचेस्टर टेस्ट के तीसरे दिन भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज की चोटों ने फैंस और टीम प्रबंधन के बीच चिंता का माहौल बना दिया। बुमराह को दूसरे सत्र में मैदान छोड़ना पड़ा, लेकिन चाय के समय के करीब वह वापस लौट आए। इंग्लैंड के खिलाफ इस मैच में भारतीय गेंदबाजों की स्थिति काफी कमजोर नजर आई।
कोच मोर्ने मोर्केल का बयान
हालांकि, उन्होंने गेंदबाजी जारी रखी और जेमी स्मिथ का विकेट लिया। गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्केल ने चोट की चिंताओं को खारिज करते हुए कहा कि दोनों गेंदबाज ठीक हैं, लेकिन उनकी गति में कमी ने सवाल उठाए हैं।
बुमराह की चोट का विवरण
मोर्ने मोर्केल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि बुमराह को सीढ़ियों से उतरते समय टखने में मोच आ गई थी, जबकि सिराज का पैर पिच पर बने एक गड्ढे में फंस गया। उन्होंने कहा, “दोनों गेंदबाज अभी ठीक हैं। बुमराह और सिराज ने चोट के बावजूद गेंदबाजी जारी रखी।” बुमराह ने तीसरे सत्र में गेंदबाजी की, लेकिन उनका प्रदर्शन पहले जैसा नहीं था। उन्होंने 28 ओवर में 95 रन देकर एक विकेट लिया। सिराज ने भी चोट से उबरकर गेंदबाजी की, लेकिन उनकी गति में कमी देखी गई।
गेंदबाजों की गति में कमी
तीसरे दिन भारतीय तेज गेंदबाजों की गति में कमी देखी गई। बुमराह, जो आमतौर पर 140 किमी/घंटा से अधिक गेंदबाजी करते हैं, कई बार 120-130 किमी/घंटा की रफ्तार पर गेंद फेंकते नजर आए। डेब्यू टेस्ट खेल रहे अंशुल कंबोज की गति भी 120 किमी/घंटा के आसपास रही। इस स्पीड में कमी ने सभी को चौंका दिया। मोर्केल ने कहा कि सपाट पिच पर गेंदबाजों को अतिरिक्त ऊर्जा के साथ गेंदबाजी करनी चाहिए थी ताकि विकेट के लिए मौके बनाए जा सकें।
भारी कार्यभार और मैदान की स्थिति
मोर्केल ने गेंदबाजों की गति में कमी के पीछे भारी कार्यभार और मैदान की स्थिति को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “सिराज और बुमराह जैसे गेंदबाजों पर इस सीरीज में काफी बोझ रहा है। मैदान का आउटफील्ड भी भारी है, जिसने गेंदबाजों की ऊर्जा को प्रभावित किया। अंशुल के लिए यह पहला टेस्ट है, और हम एक मजबूत तेज गेंदबाजी इकाई तैयार करना चाहते हैं।” मोर्केल ने यह भी जोड़ा कि सपाट पिच पर गेंदबाजों को गति और जोश के साथ गेंदबाजी करनी होगी ताकि कैच या LBW जैसे मौके बन सकें।