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EPFO सदस्यों के लिए नई निकासी नीति: अब कभी भी निकाल सकेंगे फंड

केंद्र सरकार EPFO सदस्यों के लिए निकासी नियमों में बदलाव करने जा रही है, जिससे सदस्य अपनी जमा राशि को किसी भी समय निकाल सकेंगे। यह नई नीति सदस्यों को उनके फंड का प्रबंधन करने में अधिक स्वतंत्रता प्रदान करेगी। वर्तमान में, निकासी के लिए कई कड़े नियम हैं, लेकिन प्रस्तावित बदलावों से यह प्रक्रिया सरल होगी। जानें इस नई नीति के बारे में और कैसे यह निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
 

EPFO के सदस्यों के लिए नई सुविधा

EPFO समाचार: केंद्र सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सदस्यों को एक महत्वपूर्ण लाभ देने की योजना बना रही है। सूत्रों के अनुसार, जल्द ही ईपीएफ अकाउंट में जमा राशि को सदस्य अपनी आवश्यकता के अनुसार किसी भी समय निकाल सकेंगे। इस पहल का उद्देश्य सदस्यों को अपने फंड का प्रबंधन करने की अधिक स्वतंत्रता प्रदान करना है। हालांकि, इस बदलाव की कोई निश्चित समयसीमा अभी तक नहीं बताई गई है, लेकिन अधिकारियों का मानना है कि यह सुधार अगले एक वर्ष के भीतर लागू हो सकता है।


सदस्यों को फंड प्रबंधन में अधिक स्वतंत्रता

एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ईपीएफओ का उद्देश्य सदस्यों पर कोई अनावश्यक प्रतिबंध नहीं लगाना है। यह उनका पैसा है और उन्हें इसे अपनी आवश्यकताओं के अनुसार उपयोग करने का अधिकार होना चाहिए। वर्तमान में, सदस्य केवल रिटायरमेंट (58 वर्ष की उम्र) या दो महीने से अधिक बेरोजगारी की स्थिति में ही पूरी राशि निकाल सकते हैं। प्रस्तावित बदलावों के तहत यह नियम और अधिक लचीला किया जाएगा।


वर्तमान में निकासी नियम

किसी भाई-बहन या बच्चे की शादी के लिए सदस्य अपने योगदान और ब्याज का केवल 50% निकाल सकते हैं, इसके लिए न्यूनतम सात वर्ष की सेवा अवधि आवश्यक है।


घर खरीदने या निर्माण के लिए, इकट्ठा राशि का 90% तक निकाला जा सकता है। प्रॉपर्टी सदस्य, उनके जीवनसाथी या संयुक्त स्वामित्व में होनी चाहिए और इसके लिए कम से कम तीन वर्ष की सेवा अनिवार्य है।


बच्चों की मैट्रिक के बाद की शिक्षा के लिए योगदान का 50% तक ब्याज सहित निकाला जा सकता है, बशर्ते सेवा में सात वर्ष पूरे हो चुके हों। इसके अलावा, सरकार अंशदाताओं को हर 10 साल में एक बार पूरी राशि या उसका हिस्सा निकालने की अनुमति भी दे सकती है।


लचीले नियमों की आवश्यकता

विशेषज्ञों का मानना है कि ईपीएफओ में निकासी सीमाओं और पात्रता मानदंडों को सरल बनाने से विशेष रूप से निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोग बिना उधारी के अपनी आवश्यकताओं के अनुसार पैसा निकाल सकेंगे। वर्तमान नियम कड़े हैं और इनमें न्यूनतम सेवा अवधि, लिमिट, फ्रीक्वेंसी और अतिरिक्त दस्तावेजीकरण जैसी शर्तें शामिल हैं।