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FATF की रिपोर्ट: पुलवामा और गोरखनाथ मंदिर हमलों में ऑनलाइन फंडिंग का खुलासा

FATF की हालिया रिपोर्ट में पुलवामा और गोरखनाथ मंदिर पर हुए हमलों में आतंकवादियों द्वारा ऑनलाइन शॉपिंग और डिजिटल मनी ट्रांसफर के उपयोग का खुलासा किया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि आतंकवादी अब नए तरीकों का सहारा ले रहे हैं, जबकि अधिकांश देशों के पास इस समस्या से निपटने के लिए ठोस उपाय नहीं हैं। जानें इस रिपोर्ट में और क्या महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है।
 

आतंकवादियों की नई रणनीतियाँ

जम्मू-कश्मीर में पुलवामा आतंकी हमले और गोरखनाथ मंदिर के सुरक्षाकर्मियों पर हुए हमले के संदर्भ में FATF द्वारा एक नई रिपोर्ट जारी की गई है। इस रिपोर्ट में यह बताया गया है कि आतंकवादी अब ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफार्मों और डिजिटल मनी ट्रांसफर का उपयोग कर रहे हैं। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि अधिकांश देशों के पास इस समस्या से निपटने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं हैं।


पुलवामा हमले का विवरण

FATF की रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में हुए पुलवामा हमले में आतंकियों ने विस्फोटक सामग्री के लिए ईपीओएम को अमेज़न से खरीदा था। इस विस्फोटक का उपयोग हमले को और अधिक घातक बनाने के लिए किया गया था। उल्लेखनीय है कि इस हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हुए थे, और इसके लिए जैश-ए-मोहम्मद (JeM) को जिम्मेदार ठहराया गया था।


गोरखनाथ मंदिर पर हमले का संदर्भ

रिपोर्ट में गोरखनाथ मंदिर पर 2022 में हुए हमले का भी जिक्र किया गया है, जिसमें हमलावर ने डिजिटल भुगतान का सहारा लिया था। FATF के अनुसार, हमले के लिए ऑनलाइन भुगतान और VPN का उपयोग किया गया। जांच में यह सामने आया कि हमलावर ने ISIL के समर्थन में PayPal के माध्यम से 6,69,841 रुपये (7,685 अमेरिकी डॉलर) का ट्रांसफर किया।


आगे की कार्रवाई

हालांकि, PayPal ने आरोपी के खाते को निलंबित कर दिया था, जिससे वह आगे इस तरह के मनी ट्रांसफर नहीं कर सका। गोरखनाथ मंदिर पर हमले के दौरान एक व्यक्ति ने सुरक्षाकर्मी पर दरांती से हमला किया था, जिसे बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।


FATF ने कहा है कि आतंकवादी गतिविधियों के लिए नए तरीके अपनाए जा रहे हैं, जिसमें ऑनलाइन शॉपिंग और डिजिटल मनी ट्रांसफर शामिल हैं। जून 2025 में FATF ने पहलगाम हमले की निंदा की और देशों से आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने का आह्वान किया। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि कई देश अब भी आतंकवादी संगठनों की सहायता कर रहे हैं।