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हरियाणा : तीनों निर्दलीय विधायकों ने भाजपा सरकार से समर्थन वापसी का फिर भेजा मेल

 

समर्थन पत्र वापसी के पत्र पर तारीख न होने से फिर फंस सकता पेच

पत्र पर कानूनी रायशुमारी के बाद लिया जाएगा फैसला: स्पीकर

चंडीगढ़, 15 मई (हि.स.)। प्रदेश की भाजपा सरकार से समर्थन वापस लेने वाले तीनों निर्दलीय विधायकों ने बुधवार को नए सिरे से राज्यपाल और विधानसभा सचिवालय को समर्थन वापसी की चिट्ठी भेज दी है। इस पर हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने स्पष्ट किया कि कानूनी रायशुमारी के बाद फैसला लिया जाएगा।

हरियाणा के तीन निर्दलीय विधायकों का राज्य की भाजपा सरकार से समर्थन वापसी का मामला गंभीर होता जा रहा है। बुधवार को पुंडरी से निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन, चरखी-दादरी से सोमवीर सांगवान और नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर ने भाजपा सरकार से समर्थन वापसी का पत्र ईमेल के जरिये हरियाणा विधानसभा सचिवालय को भेजा है। इस पर हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने स्पष्ट किया कि कानूनी रायशुमारी के बाद फैसला लिया जाएगा कि चिट्ठी स्वीकार होगी या नहीं।

दरअसल, 7 मई को एकाएक तीन विधायकों ने भाजपा सरकार से समर्थन वापसी का ऐलान करते हुए कांग्रेस का समर्थन की घोषणा की थी। समर्थन वापसी के ऐलान के कुछ घंटे बाद तीनों विधायकों के हस्ताक्षरों वाला एक साझा पत्र सोशल मीडिया पर वायरल किया गया था। मगर एक सप्ताह बाद भी तीनों निर्दलीय विधायकों का कांग्रेस को समर्थन देने वाला पत्र हरियाणा राजभवन नहीं पहुंचा था। बुधवार को तीनों विधायकों ने नए सिरे से समर्थन वापसी पत्र राजभवन भेजा। बताया गया है कि समर्थन वापसी के पत्र पर तारीख नहीं लिखी है। इससे फिर पेच फंस सकता है। तीन विधायकों के समर्थन वापसी के ऐलान के बाद सरकार अल्पमत की स्थिति में आ गई और विपक्ष को सरकार को घेरते हुए तुरंत ही राज्यपाल को पत्र लिखकर फ्लोर टेस्ट की मांग की।

सरकार सदन में फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार: कंवरपाल गुर्जर

इस संबंध में कृषि एवं संसदीय कार्य मंत्री कंवरपाल गुर्जर का कहना है कि पत्र लिखा जाता है लेकिन जब तक निजी तौर हाजिर नहीं होता है, तब तक उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। पिछले दिनों बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने भी इस्तीफे को लेकर पत्र विधानसभा सचिवालय भेजा था, लेकिन इसके बाद वे खुद विस पहुंचे थे, तब उनका इस्तीफा मंजूर हुआ था। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार कोई खतरा नहीं है। उनके पास बहुमत पूरा है। यदि राज्यपाल की तरफ से सत्र बुलाने का अनुमोदन होता है तो सरकार सदन में फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार है।

हिन्दुस्थान समाचार/संजीव/सुनील