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IIT बॉम्बे में छात्र की आत्महत्या: पढ़ाई के दबाव का असर

IIT बॉम्बे से एक 21 वर्षीय छात्र की आत्महत्या की घटना ने शिक्षा संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को फिर से उजागर किया है। रोहित सिन्हा ने पढ़ाई के तनाव के चलते हॉस्टल की 10वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। इस घटना ने छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और काउंसलिंग सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। क्या शिक्षा संस्थान केवल पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, या मानसिक मजबूती की दिशा में भी कदम उठा रहे हैं? जानें पूरी कहानी में।
 

IIT बॉम्बे में छात्र की आत्महत्या

IIT बॉम्बे में छात्र की आत्महत्या: देश के प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों में से एक IIT बॉम्बे से एक दुखद घटना सामने आई है। यहां एक 21 वर्षीय छात्र ने हॉस्टल की 10वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। यह घटना शनिवार रात की है, जब अन्य छात्र सो रहे थे और रोहित सिन्हा नामक छात्र ने अपने जीवन का सबसे बड़ा और अंतिम निर्णय लिया।


पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि छात्र ने पढ़ाई के तनाव के कारण यह कदम उठाया। हालांकि, कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है और पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है।


क्या पढ़ाई का दबाव बनी मौत की वजह?

रोहित सिन्हा दिल्ली का निवासी था और IIT बॉम्बे में मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग के चौथे वर्ष का छात्र था। बताया जा रहा है कि वह हाल के दिनों में मानसिक तनाव का सामना कर रहा था। IIT जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ाई का दबाव और लगातार प्रतिस्पर्धा छात्रों पर भारी पड़ती है।


हॉस्टल की 10वीं मंजिल से कूदने की घटना

यह घटना शनिवार रात लगभग 1:30 बजे हुई, जब रोहित ने हॉस्टल की 10वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। उसकी मौके पर ही मृत्यु हो गई। साथी छात्रों और सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया। पवई पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आकस्मिक मौत का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।


इस घटना ने एक बार फिर से IIT जैसे बड़े संस्थानों में छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और काउंसलिंग सिस्टम पर सवाल उठाए हैं। हर साल कई छात्र डिप्रेशन और तनाव का शिकार होते हैं, लेकिन इन मुद्दों पर खुलकर चर्चा नहीं होती। अब यह आवश्यक है कि ऐसे संस्थान न केवल शिक्षा बल्कि मानसिक मजबूती की दिशा में भी गंभीरता दिखाएं। हाल के समय में आत्महत्या के मामलों में वृद्धि हुई है। लोगों से अपील की जा रही है कि वे अपनी मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें।