IMF की चेतावनी: पाकिस्तान के व्यापार आंकड़ों में विसंगतियों पर उठे सवाल
पाकिस्तान की आर्थिक चुनौतियाँ
IMF की चेतावनी: पाकिस्तान लंबे समय से आर्थिक संकट और कर्ज के बोझ से जूझ रहा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान के सरकारी व्यापार आंकड़ों में गड़बड़ी को लेकर चिंता जताई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की सरकारी संस्थाओं ने पिछले दो वर्षों में आयात और व्यापार डेटा में हेरफेर किया है, जिसके चलते IMF ने सरकार से 11 अरब डॉलर की विसंगतियों को सार्वजनिक करने और समाधान करने की मांग की है।
साख पर उठते सवाल
सरकारी सूत्रों के अनुसार, रेवेन्यू ऑटोमेशन लिमिटेड (PRAL) द्वारा रिपोर्ट किए गए आयात आंकड़े वित्त वर्ष 2023-24 में पाकिस्तान सिंगल विंडो (PSW) द्वारा रिपोर्ट किए गए आंकड़ों से 5.1 अरब डॉलर कम थे। अगले वर्ष यह अंतर बढ़कर 5.7 अरब डॉलर हो गया। PSW डेटा को अधिक सटीक माना जाता है, जबकि स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के फ्रेट-ऑन-बोर्ड आयात आंकड़े भी PRAL के आंकड़ों से कम थे। यह डेटा देश की आर्थिक नीतियों और बाह्य संतुलन में महत्वपूर्ण है।
IMF की सख्त चेतावनी
IMF ने पाकिस्तान स्टेटिस्टिक्स ब्यूरो (PBS) से संपर्क किया और योजना एवं विकास मंत्रालय के साथ चर्चा की। इन बैठकों में IMF ने सुझाव दिया कि पाकिस्तान को व्यापार आंकड़ों में विसंगतियों को स्पष्ट करने के लिए एक स्पष्ट संचार नीति अपनानी चाहिए, ताकि सरकार और डेटा उपयोगकर्ताओं के बीच अविश्वास न बढ़े।
आंकड़ों में कमी की स्वीकार्यता
अधिकारियों ने स्वीकार किया कि जिनेवा स्थित अंतरराष्ट्रीय व्यापार केंद्र को प्रस्तुत व्यापार आंकड़े पर्याप्त नहीं थे। कुछ आयात आंकड़े गायब थे, जो PRAL से PSW में डेटा ट्रांसफर के कारण उत्पन्न हुए। PRAL फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के तहत काम करता है, जबकि PSW एक स्वतंत्र कानूनी इकाई है। PSW डेटा में सभी इंपोर्ट एंट्री शामिल होती हैं, जबकि PRAL के डेटासेट में कई श्रेणियाँ, जैसे कच्चा माल, शामिल नहीं होती।
मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ का दृष्टिकोण
IMF की सख्ती के बाद पाकिस्तान सरकार ने सक्रियता दिखाई है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि उनकी सरकार IMF पर निर्भरता कम करने के लिए मलेशिया के साथ आर्थिक सहयोग बढ़ाएगी। उन्होंने मलेशिया के साथ साझेदारी के माध्यम से IMF को स्थायी रूप से मात देने की योजना बनाई है और कमियों की जांच के लिए एक समिति भी गठित की है।
आंकड़ों में कमी की समीक्षा
पिछले पांच वर्षों के आंकड़ों की समीक्षा में कपड़ा क्षेत्र में लगभग 3 अरब डॉलर और धातु आयात में लगभग 1 अरब डॉलर की कमी पाई गई। हालांकि IMF ने पारदर्शिता की अपील की, लेकिन अधिकारी संशोधित आंकड़े सार्वजनिक करने में हिचकिचा रहे थे, क्योंकि इससे शुद्ध निर्यात गणना और आर्थिक विकास अनुमानों पर असर पड़ सकता है।