INDIA गठबंधन का विरोध मार्च: सांसदों की तबीयत बिगड़ी, जानें मिताली बाग और संजना जाटव के बारे में
INDIA गठबंधन का विरोध मार्च
INDIA गठबंधन मार्च अपडेट: आज नई दिल्ली में लगभग 300 सांसदों ने संसद भवन के मकर द्वार से चुनाव आयोग (ECI) के कार्यालय तक एक विरोध मार्च निकाला। इस मार्च को रोकने के लिए पुलिस ने बल का प्रयोग किया। इस दौरान कांग्रेस सांसद संजना जाटव और तृणमूल कांग्रेस की सांसद मिताली बाग बेहोश होकर गिर गईं। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और अन्य सांसदों ने उनकी मदद की और अस्पताल पहुंचाया।
सांसद मिताली बाग का परिचय
मिताली बाग अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सदस्य हैं और पश्चिम बंगाल की आरामबाग लोकसभा सीट से 18वीं लोकसभा की सांसद हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार अरूप कांति दिगर को 6399 वोटों के अंतर से हराया। मिताली को 712587 वोट मिले थे जबकि अरूप कांति को 706188 वोट मिले थे। वह ICDS (एकीकृत बाल विकास सेवा) वर्कर हैं और तृणमूल कांग्रेस की जिला परिषद की पूर्व सदस्य भी रह चुकी हैं।
सांसद संजना जाटव का परिचय
संजना जाटव कांग्रेस की सदस्य हैं और राजस्थान की भरतपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं। वह 26 वर्ष की आयु में लोकसभा चुनाव जीतने वाली सबसे कम उम्र की महिला सांसद हैं। संजना प्रियंका गांधी के अभियान 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' से जुड़ी थीं। 2023 में उन्होंने अलवर की कठूमर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन BJP के रमेश खींची से मात्र 409 वोटों से हार गईं। 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने भरतपुर सीट से BJP के रामस्वरूप कोली को 53539 वोटों से हराया।
मार्च का उद्देश्य
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के नेतृत्व में आज इंडिया गठबंधन ने बिहार में SIR के खिलाफ मार्च निकाला। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का आरोप है कि चुनाव आयोग और BJP मिलकर वोटर लिस्ट में हेरफेर कर रहे हैं। अल्पसंख्यकों, दलितों और विपक्षी समर्थकों के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं। राहुल गांधी ने इसे लोकतंत्र पर हमला और एक व्यक्ति, एक वोट के सिद्धांत का उल्लंघन बताया।
मार्च सुबह 11:30 बजे संसद भवन के मकर द्वार से शुरू हुआ और ट्रांसपोर्ट भवन के रास्ते चुनाव आयोग के दफ्तर की ओर बढ़ा, लेकिन दिल्ली पुलिस ने इसे रोक दिया। पुलिस ने कहा कि इंडिया गठबंधन ने मार्च के लिए औपचारिक अनुमति नहीं ली थी। इस दौरान कई विपक्षी नेताओं को हिरासत में लिया गया।