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(अपडेट) सनातन को अपार ऊर्जा देने वाला आयोजन है महाकुंभः ब्रजेश पाठक

 


वाराणसी, 30 नवंबर (हि.स.)। धर्म नगरी काशी में शनिवार से सिगरा स्थित रूद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में सभी द्वादश ज्योतिर्लिंगों व मां सती के 51 शक्तिपीठों का महासमागम आरंभ हुआ। शिव और सती के महासमागम के उद्घाटन सत्र में शामिल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि यह समागम अपनी तरह का अद्भुत व अनूठा है। संभवत: यह अपनी तरह का पहला आयोजन है, जिसमें सभी शक्तिपीठों व द्वादश ज्योतिर्लिंगों का एकीकरण हुआ है। यह सनातन को अपार ऊर्जा देने वाला आयोजन है।

पाठक ने कहा कि 14 जनवरी से प्रयागराज में त्रिवेणी तट पर आरंभ होने वाला विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक मेला महाकुंभ आरंभ होगा। आप सभी लोग उसमें सादर आमंत्रित हैं। यह महाकुंभ पूरे विश्व में भारत की संस्कृति, सनातन परंपरा का वाहक बनेगा। उपमुख्यमंत्री ने सभी सनातन धर्मावलंबियों की एकजुटता का आह्वान करते हुए कहा कि हम सबको एक हो जाना चाहिए। एकता में ही मजबूती है। आज भारत हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है तो यह संतों की कृपा है। यदि हम सभी लोग एकजुट हो जाएं तो हमारे देश को विश्व गुरु बनने से कोई रोक नहीं सकता। उन्होंने कहा कि जो लोग हमारे बीच जाति भेद की बात कर रहे हैं, वह सिर्फ फूट डालकर वोट लेना चाहते हैं और सत्ता हासिल करना चाहते हैं। उनका देश के विकास, लोगों के उत्थान से कोई मतलब नहीं है।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जो लोग स्वयं को लोहिया वादी बताते हैं। अब लोहिया के लोग यहां नहीं रहे, केवल सैफई के लोग बचे हैं। लोकसभा के चुनाव में टिकट तो सैफई के लोग ले गए दूसरे यादव भी नहीं थे। आज जो लोग संविधान की प्रति लेकर घूम रहे हैं, खुद उन्होंने संविधान की हत्या करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सपा की सरकार में न्यायपालिका पर भी हमला हुआ था। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सनातन ने हजारों वर्षों से वसुधैव कुटुंबम का उद्घोष किया है। जो पूरी दुनिया को अपना परिवार मानता है। एक तरफ हम लोग हैं जो पूरे विश्व को अपना परिवार मानते हैं। हमारे यहां बच्चा जब चलना सीखता है तो उसे सीख दी जाती है कि यदि पैर के नीचे चींटी आ जाए तो राम-राम बोलो।

इसके पूर्व, विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार, उप मुख्यमंत्री पाठक, मध्य प्रदेश के पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी, प्रखर जी महाराज, महाराष्ट्र के जितेंद्र नाथ महाराज, कोलकाता काली पीठ के रमाकांत महाराज, देवघर झारखंड ज्योतिर्लिंग के प्रकाशानंद महाराज, अखिल भारतीय विद्वत परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री कामेश्वर नाथ उपाध्याय, आयोजक संस्था सेंटर फॉर सनातन रिसर्च के अध्यक्ष डॉ. रमण त्रिपाठी आदि ने दीप प्रज्ज्वलन कर समागम का शुभारंभ किया। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की ब्रांड एंबेसडर पद्मश्री डॉक्टर सोमा घोष ने भगवान गणेश, मां आदिशक्ति व रुद्राष्टकम वंदना की।

महासमागम में प्रखर आश्रम के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर प्रखर महाराज ने दावा किया कि वाराही शक्तिपीठ को लेकर जो अनिर्णीत विवाद है, उसका समाधान यही है कि वह शक्तिपीठ और कहीं नहीं अपितु काशी में ही है। इस प्रकार काशी में दो शक्तिपीठ हैं एक मां विशालाक्षी देवी की और दूसरी वाराही देवी की। शास्त्रों में वर्णन है कि वाराही देवी पंचसागर में अवस्थित हैं, जिस प्रकार का वर्णन है और जो मान्यता उनके महाराष्ट्र में होने की है वहां जाने पर ऐसा कुछ दिखता नहीं लेकिन काशी में पंचगंगा घाट पर पांच नदियों के संगम की जो बात है और उसके ऊपर अवस्थित मंदिर भी है। इससे यह सिद्ध होता है कि वाराही देवी की शक्ति पीठ काशी में ही अवस्थित है।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी