IPS अधिकारी आशना चौधरी: कठिनाइयों को पार कर मिली सफलता
आशना चौधरी की प्रेरणादायक यात्रा
भारत में कई युवा सिविल सेवक बनने का सपना देखते हैं, लेकिन इस लक्ष्य को हासिल करना आसान नहीं होता। इसके लिए मेहनत, समर्पण और दृढ़ता की आवश्यकता होती है।
आशना चौधरी एक ऐसी प्रेरक कहानी हैं, जिन्होंने जीवन में अनेक चुनौतियों का सामना किया, लेकिन कभी भी अपनी महत्वाकांक्षा को नहीं छोड़ा।
आशना एक IPS अधिकारी हैं, जिन्होंने 2022 में UPSC परीक्षा में 116वीं रैंक प्राप्त की। उन्होंने लगातार दो बार असफल होने के बाद तीसरे प्रयास में सफलता हासिल की। उनकी कहानी आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प की शक्ति को दर्शाती है।
शिक्षा और पृष्ठभूमि
आशना चौधरी उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के पिलखुआ कस्बे की निवासी हैं। उनके पिता डॉ. अजीत चौधरी एक सरकारी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं, जबकि उनकी मां इंदु सिंह एक गृहिणी हैं। आशना को हमेशा से पढ़ाई और सामाजिक कार्यों में रुचि रही है।
उन्होंने पिलखुआ के सेंट जेवियर्स स्कूल, उदयपुर के सेंट मैरी स्कूल और गाजियाबाद के दिल्ली पब्लिक स्कूल में पढ़ाई की। उन्होंने 12वीं कक्षा में ह्यूमैनिटीज स्ट्रीम से 96.5 प्रतिशत अंक प्राप्त किए।
आशना ने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्री राम कॉलेज फॉर विमेन से इंग्लिश लिटरेचर में ग्रेजुएशन किया और साउथ एशियन यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल रिलेशंस में मास्टर्स किया। पढ़ाई के दौरान, उन्होंने एक एनजीओ के साथ भी काम किया, जो वंचित बच्चों को शिक्षा प्रदान करता है।
UPSC परीक्षा में सफलता
आशना ने यूपीएससी परीक्षा के सभी चरणों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और 10 लाख से अधिक उम्मीदवारों में से 116वीं रैंक हासिल की। उन्होंने 2025 अंकों में से 992 अंक प्राप्त किए। उन्हें भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में उनकी पहली प्रेफरेंस मिली, जिससे वह बहुत खुश थीं।