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JP इंफ्राटेक के MD की गिरफ्तारी: 12,000 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कार्रवाई

प्रवर्तन निदेशालय ने JP इंफ्राटेक के प्रबंध निदेशक मनोज गौड़ को 12,000 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है। आरोप है कि कंपनी ने घर खरीदारों के धन का दुरुपयोग किया। ईडी ने पहले भी कंपनी के कार्यालयों पर छापे मारे थे, जिसमें यह सामने आया कि फंड्स का सही उपयोग नहीं किया गया। इस मामले में हजारों निवेशकों को नुकसान हुआ है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।
 

प्रवर्तन निदेशालय की बड़ी कार्रवाई

नई दिल्ली: जेपी ग्रुप से संबंधित एक महत्वपूर्ण घटना सामने आई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मनोज गौड़ को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया है। एजेंसी का आरोप है कि जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) ने मनोज गौड़ के माध्यम से लगभग 12,000 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता की, जिसमें घर खरीदारों के पैसे का दुरुपयोग भी शामिल है।


ईडी के अनुसार, यह मामला उन लेनदेन से संबंधित है, जिनमें कंपनी पर आरोप है कि उसने अपने प्रोजेक्ट्स में निवेशकों और खरीदारों से प्राप्त धन को अन्य कार्यों में इस्तेमाल किया, जिससे हजारों घर खरीदारों की पूंजी फंस गई।


मई 2025 में हुई छापेमारी: यह ध्यान देने योग्य है कि मई 2025 में प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून (PMLA) के तहत जेपी इंफ्राटेक, जेपी एसोसिएट्स और उनसे संबंधित अन्य कंपनियों के कार्यालयों पर छापे मारे थे। रिपोर्ट के अनुसार, उस समय दिल्ली और मुंबई सहित लगभग 15 स्थानों पर तलाशी ली गई थी।


ईडी की जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि कंपनी ने अपने प्रोजेक्ट्स में जमा की गई राशि का सही उपयोग नहीं किया और कथित तौर पर फंड्स को अन्य कंपनियों में ट्रांसफर किया गया। इस धोखाधड़ी के कारण बड़ी संख्या में निवेशकों और घर खरीदारों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।