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‘मन की बात’ को पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग

 


नई दिल्ली, 24 फरवरी (हि.स.)। नरेन्द्र मोदी अध्ययन केंद्र (नमो केंद्र) ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष प्रो. एम. जगदीश कुमार से विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में ‘मन की बात’ को एक विषय के रूप में पाठ्यक्रम में शामिल करने का अनुरोध किया है। यूजीसी के अध्यक्ष को संबोधित पत्र में नमो केंद्र के अध्यक्ष प्रो. जसीम मोहम्मद ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आकाशवाणी द्वारा प्रसारित रेडियो कार्यक्रम के महत्व पर जोर दिया, जिसने सफलतापूर्वक 110 से अधिक एपिसोड पूरे कर लिए हैं।

नमो केंद्र के पत्र में कहा गया है, “मन की बात का यह कार्यक्रम प्रेरणा, प्रोत्साहन और राष्ट्र निर्माण के विचारों का स्रोत रहा है। इसमें सामाजिक सुधार, युवा सशक्तिकरण, नवाचार, आत्मनिर्भरत भारत और भारत की सांस्कृतिक विरासत सहित कई महत्वपूर्ण विषयों को शामिल किया गया है।” विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप नरेन्द्र मोदी अध्ययन केंद्र ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से उच्च शिक्षा में मन की बात को अनिवार्य विषय बनाने का आग्रह किया है। अनुरोध में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि इस विषय का अध्ययन छात्रों को दृढ़ संकल्प और सफलता के वास्तविक जीवन के उदाहरणों से जुड़ने के लिए प्रेरित करेगा।

नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 का हवाला देते हुए पत्र में कहा गया है, हम उच्च शिक्षा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उद्बोधन मन की बात को अनिवार्य विषय बनाने की दृढ़ता से अनुशंसा करते हैं। इससे छात्रों को भारत के सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन और राष्ट्र निर्माण में नेतृत्व की भूमिका के बारे में गहन जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी। नरेन्द्र मोदी अध्ययन केंद्र का मानना है कि मन की बात को शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल करने से छात्रों में मूल्य-आधारित शिक्षा का संचार होगा और उनमें जिम्मेदारी और उद्देश्य की भावना का पोषण होगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / जितेन्द्र तिवारी