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Meta का AI का उपयोग: इंटरव्यू में नई दिशा

Meta ने अपने इंटरव्यू प्रक्रिया में AI के उपयोग की अनुमति देकर एक नई दिशा में कदम बढ़ाया है। यह कदम भविष्य के डेवलपर्स के लिए एक यथार्थवादी वातावरण बनाने की दिशा में है। मार्क जुकरबर्ग का मानना है कि AI कोडिंग में सहायक होगा, जिससे इंजीनियर्स को अधिक रचनात्मकता पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर मिलेगा। हालांकि, सभी कंपनियां इस दिशा में नहीं बढ़ रही हैं। जानें कैसे Meta AI को एक शक्ति के रूप में देख रही है और अन्य कंपनियों का क्या रुख है।
 

Meta का AI का उपयोग: इंटरव्यू में नई दिशा

Meta के साथ AI का इंटरव्यू अनुभव: पहले, यदि कोई उम्मीदवार इंटरव्यू या परीक्षा में AI का सहारा लेता था, तो इसे धोखाधड़ी माना जाता था। लेकिन अब, टेक्नोलॉजी की दिग्गज कंपनी Meta (जो Facebook की मूल कंपनी है) इस धारणा को बदलने की योजना बना रही है।


एक नई रिपोर्ट के अनुसार, Meta अब कुछ नौकरी के उम्मीदवारों को इंटरव्यू के दौरान AI टूल्स का उपयोग करने की अनुमति दे रही है।


Wired और 404 Media की रिपोर्ट के अनुसार, Meta AI-सहायता प्राप्त इंटरव्यू की प्रक्रिया का परीक्षण कर रही है। Business Insider ने भी इस बात की पुष्टि की है।


Meta AI के उपयोग की अनुमति क्यों दे रही है?


Meta का मानना है कि भविष्य के डेवलपर्स जिस वातावरण में कार्य करेंगे, उसमें AI टूल्स का उपयोग सामान्य होगा। इसलिए, इंटरव्यू में भी ऐसा ही माहौल बनाना आवश्यक है।


Meta ने अपने आंतरिक संदेश बोर्ड पर लिखा, “यह उस डेवलपर वातावरण का अधिक यथार्थवादी प्रतिनिधित्व है जिसमें हमारे भविष्य के कर्मचारी काम करेंगे। इससे LLM (Large Language Model)-आधारित धोखाधड़ी का प्रभाव भी कम होगा।”


इसका मतलब है कि Meta उन उम्मीदवारों को प्राथमिकता देना चाहती है जो AI के साथ कोडिंग करना जानते हैं।


Meta AI-सक्षम मॉक इंटरव्यू का परीक्षण कर रही है


Wired की रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि Meta अब AI-सक्षम मॉक इंटरव्यू का परीक्षण कर रही है। इसके लिए कंपनी ने अपने कर्मचारियों से मॉक उम्मीदवारों के रूप में भाग लेने की अपील की है, ताकि इंटरव्यू प्रक्रिया का वास्तविक फीडबैक प्राप्त किया जा सके।


मार्क जुकरबर्ग का AI के प्रति दृष्टिकोण


Meta के CEO मार्क जुकरबर्ग AI को डेवलपर टूल्स के रूप में अपनाने के बड़े समर्थक रहे हैं। उनका मानना है कि भविष्य में AI इतनी उन्नत हो जाएगी कि वह मध्य-स्तरीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर जितना कोड स्वयं लिख सकेगी।


उन्होंने यह भी कहा कि वे इंजीनियरों को AI का उपयोग करने के लिए मजबूर नहीं करना चाहते, लेकिन वे एक ऐसे भविष्य की कल्पना करते हैं जहां “AI कोडिंग एजेंट्स” मानव निर्देशों के अनुसार कार्य करें। इससे लोग और अधिक रचनात्मकता और नई सोच पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।


अन्य कंपनियों का दृष्टिकोण


हालांकि, सभी टेक कंपनियां Meta की तरह नहीं सोचतीं। उदाहरण के लिए, Claude AI बनाने वाली कंपनी Anthropic ने अपनी हायरिंग प्रक्रिया में AI का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित कर रखा है।


इसका मतलब है कि जहां Meta AI को अपनाने की दिशा में तेजी से बढ़ रही है, वहीं कुछ कंपनियां अब भी इसके उपयोग को लेकर सख्त हैं।


Meta अब इंटरव्यू में AI को एक शक्ति के रूप में देख रही है, न कि धोखाधड़ी के रूप में। कंपनी के इस निर्णय से यह स्पष्ट है कि आने वाला समय पूरी तरह से AI-इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट का हो सकता है।


अब कंपनियों को ऐसे उम्मीदवारों की आवश्यकता है जो न केवल कोडिंग जानते हों, बल्कि AI के साथ मिलकर बेहतर परिणाम भी दे सकें।