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Meta की सुपरइंटेलिजेंस लैब में हलचल: ऋषभ अग्रवाल ने छोड़ी नौकरी, जानें क्यों?

मेटा की सुपरइंटेलिजेंस लैब में हलचल मची हुई है, क्योंकि प्रमुख एआई शोधकर्ता ऋषभ अग्रवाल ने नौकरी छोड़ने का निर्णय लिया है। उन्होंने अपने फैसले की घोषणा X पर की, जिसमें उन्होंने नए प्रकार के जोखिम लेने की प्रेरणा का जिक्र किया। उनके अलावा, कई अन्य शोधकर्ताओं ने भी मेटा को अलविदा कहा है। जानें ऋषभ के अनुभव और उनके भविष्य की योजनाओं के बारे में इस लेख में।
 

ऋषभ अग्रवाल का मेटा से अलविदा

ऋषभ अग्रवाल ने मेटा छोड़ा: मेटा के नए सुपरइंटेलिजेंस लैब में हाल ही में काफी हलचल देखने को मिली है। कुछ महीनों के भीतर ही कई प्रमुख एआई शोधकर्ता इस लैब को छोड़ चुके हैं। इनमें से एक प्रमुख नाम ऋषभ अग्रवाल का है, जिन्होंने अप्रैल 2024 में एक मिलियन डॉलर के सैलरी पैकेज पर मेटा जॉइन किया था, लेकिन केवल पांच महीने बाद ही उन्होंने नए प्रकार के जोखिम लेने के लिए लैब छोड़ने का निर्णय लिया।


ऋषभ का निर्णय और उसके पीछे की वजह

ऋषभ अग्रवाल ने अपने इस फैसले की जानकारी X (पूर्व ट्विटर) पर साझा की। उन्होंने लिखा, '@AIatMeta में यह मेरा आखिरी हफ्ता है। नई सुपरइंटेलिजेंस लैब को जारी न रखना एक कठिन निर्णय था, खासकर प्रतिभा और कंप्यूटिंग घनत्व को देखते हुए। लेकिन गूगल ब्रेन, डीपमाइंड और मेटा में 7.5 साल बिताने के बाद, मुझे एक अलग तरह का जोखिम उठाने की प्रेरणा मिली।'


अन्य शोधकर्ताओं का मेटा छोड़ना

ऋषभ अकेले नहीं हैं, जिन्होंने मेटा की सुपरइंटेलिजेंस टीम को छोड़ा है। हाल की रिपोर्टों के अनुसार, पिछले कुछ हफ्तों में कम से कम तीन अन्य प्रमुख शोधकर्ताओं ने भी मेटा को अलविदा कहा है। इनमें से दो शोधकर्ता पहले OpenAI में काम कर चुके हैं। Avi Verma और Ethan Knight जैसे नाम पहले OpenAI में थे, फिर मेटा में आए और अब वापस OpenAI लौट गए हैं।


मेटा की भर्ती रणनीति

ये सभी एग्जिट्स मेटा की महत्वाकांक्षी भर्ती रणनीति का हिस्सा हैं, जिसमें कंपनी ने Google DeepMind, OpenAI और xAI जैसे टैलेंट को आकर्षित करने के लिए मल्टी-मिलियन डॉलर के पैकेज ऑफर किए थे।


ऋषभ अग्रवाल का अनुभव

मेटा में अपने छोटे कार्यकाल के दौरान, ऋषभ अग्रवाल ने पोस्ट-ट्रेनिंग मॉडल्स, रिइंफोर्समेंट लर्निंग स्केलिंग और डिस्टिलेशन तकनीकों पर काम किया। उनकी विशेषज्ञता सुपरइंटेलिजेंस प्रोजेक्ट के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही थी। ऋषभ अग्रवाल IIT बॉम्बे के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के ग्रैजुएट हैं और उन्होंने कनाडा के Mila – Quebec Artificial Intelligence Institute से PhD की है। उन्होंने Saavn, Tower Research Capital और Waymo में इंटर्नशिप की और 2018 में Google Brain में सीनियर रिसर्च साइंटिस्ट बने। डीपमाइंड में उन्होंने बड़े लैंग्वेज मॉडल और सेल्फ-इम्प्रूवमेंट तकनीकों पर काम किया।


ऋषभ का अगला कदम

हालांकि, ऋषभ अग्रवाल का अगला कदम अभी स्पष्ट नहीं है। उन्होंने यह नहीं बताया कि क्या वह किसी अन्य कंपनी में जा रहे हैं, अपना प्रोजेक्ट शुरू कर रहे हैं या शैक्षणिक रिसर्च पर ध्यान देंगे। इसके अलावा, वह McGill University में Adjunct Professor के रूप में भी सक्रिय हैं।