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MiG-21 की विदाई: भारतीय वायु सेना का ऐतिहासिक पल चंडीगढ़ में

भारतीय वायु सेना का MiG-21, जो पिछले छह दशकों से सेवा में है, अब रिटायर होने जा रहा है। इसका विदाई समारोह चंडीगढ़ एयर फोर्स स्टेशन पर आयोजित होगा, जिसमें स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा भी शामिल होंगी। जानें इस ऐतिहासिक पल की पूरी कहानी और समारोह की विशेषताएं।
 

MiG-21 का समापन समारोह

MiG-21 विदाई: भारतीय वायु सेना का MiG-21, जो पिछले छह दशकों से आसमान में उड़ान भर रहा है, अब रिटायर होने जा रहा है। इसका भव्य विदाई समारोह चंडीगढ़ एयर फोर्स स्टेशन पर आयोजित किया जाएगा, जो उस स्थान का प्रतीक है जहां इस जेट ने पहली बार भारतीय वायु सेना में सेवा शुरू की थी।


आधिकारिक रूप से MiG-21 के ऑपरेशन्स का समापन 26 सितंबर को एक शानदार फ्लायपास और डी-कमीशनिंग इवेंट के साथ होगा, जो भारतीय वायु शक्ति के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय को समाप्त करेगा। अंतिम MiG-21 जेट्स को चंडीगढ़ में अंतिम सलामी दी जाएगी, जिसमें एयर चीफ मार्शल एपी सिंह बादल 3 नामक स्क्वाड्रन की अंतिम उड़ान भरेंगे।




स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा का योगदान

कौन हैं स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा?


स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा उन पायलटों में से एक हैं जो MiG-21 के ऐतिहासिक फ्लायपास में शामिल होंगी। उन्होंने हाल ही में आयोजित फुल ड्रेस रिहर्सल में उड़ान भरी थी। इस दौरान 23वें स्क्वाड्रन की छह जेट्स लैंडिंग पर वाटर कैनन सलूट प्राप्त करेंगी, जिसमें प्रिया शर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।


2018 में एयर फोर्स अकादमी, डुंडिगल से स्नातक होने वाली शर्मा, भारतीय वायु सेना की सातवीं महिला फाइटर पायलट हैं। उन्हें अपनी ग्रेजुएशन सर्टिफिकेट प्राप्त करने के बाद तत्कालीन आर्मी चीफ बिपिन रावत द्वारा फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में कमीशन किया गया।


राजस्थान के झुंझुनू जिले की निवासी शर्मा ने अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए वायु सेना में शामिल होने का निर्णय लिया। इंजीनियरिंग की डिग्री रखने वाली शर्मा अपनी बैच की एकमात्र महिला फाइटर पायलट थीं। उन्होंने पहले हकिमपेट एयर फोर्स स्टेशन, हैदराबाद में सेवाएं दीं और बाद में बिदर एयर फोर्स स्टेशन, कर्नाटक में एडवांस फाइटर ट्रेनिंग प्राप्त की।


प्रिया शर्मा बताती हैं कि उनका उड़ान के प्रति जुनून बचपन में शुरू हुआ, जब वे अपने पिता के बिदर पोस्टिंग के दौरान जैगुअर और हॉक जेट्स को आसमान में उड़ते हुए देखती थीं। इस साल अगस्त में, उन्होंने नाल एयर फोर्स स्टेशन, बीकानेर में IAF चीफ की MiG-21 विदाई उड़ानों में भी भाग लिया और इतिहास का हिस्सा बनीं।


भव्य विदाई समारोह की रूपरेखा

भव्य विदाई समारोह की रूपरेखा


1981 में IAF चीफ बने दिलबाग सिंह ने 1963 में चंडीगढ़ में पहली MiG-21 स्क्वाड्रन की कमान संभाली थी। IAF ने हाल ही में एक्स पर MiG-21 के रिटायरमेंट को लेकर लिखा, "छह दशकों की सेवा, साहस की अनगिनत कहानियां, एक युद्ध अश्व जिसने राष्ट्र के गौरव को आसमान तक पहुंचाया।"


शुक्रवार को होने वाले समारोह की शुरुआत मुख्य अतिथि राजनाथ सिंह के आगमन से होगी। इसके बाद IAF की एलीट स्काइडाइविंग टीम 'अकाश गंगा' 8,000 फीट से शानदार जंप करेगी।


इसके बाद MiG-21 जेट्स की भव्य फ्लायपास होगी, जिसमें एयर वारियर ड्रिल टीम और एरियल सलूट की सटीकता दिखाई जाएगी। फाइटर पायलट तीन जेट्स की 'Badal' फॉर्मेशन और चार जेट्स की 'Panther' फॉर्मेशन में आसमान में गूंजेंगे। साथ ही सूर्य किरण एक्रोबेटिक टीम अपने अद्भुत मैनुअवर्स से समां बांध देगी।


इस अवसर पर MiG-21 जेट्स की ऐतिहासिक सेवा की याद में स्मरणीय डाक टिकट भी जारी किया जाएगा। इन जेट्स ने भारत के 1965 और 1971 के युद्ध, 1999 का कारगिल संघर्ष, और 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।