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MP Kartikeya Sharma की दृष्टिबाधित खिलाड़ियों के लिए राष्ट्रीय समर्थन की अपील

सांसद MP Kartikeya Sharma ने विश्व दिव्यांग दिवस पर दृष्टिबाधित खिलाड़ियों के लिए राष्ट्रीय समर्थन की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने नेत्रहीन खेलों के लिए सुविधाओं की कमी और प्रशिक्षित कोचों की आवश्यकता पर चर्चा की। शर्मा ने हाल ही में महिला ब्लाइंड क्रिकेट टीम की विश्व कप जीत को भी सराहा। उनकी पहल, ब्लाइंडफोल्ड क्रिकेट चैलेंज, लोगों को बिना दृष्टि के खेल खेलने का अनुभव कराती है। उनका उद्देश्य दृष्टिबाधित खिलाड़ियों के प्रति सहानुभूति और राष्ट्रीय पहचान को बढ़ावा देना है।
 

नेत्रहीन खेलों के प्रति सांसद का दृढ़ संकल्प


सांसद कार्तिकेय शर्मा ने विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर दृष्टिबाधित खिलाड़ियों की आवश्यकताओं को उठाते हुए उनके प्रति अपने दीर्घकालिक समर्पण को फिर से रेखांकित किया। शर्मा ने इस समुदाय के लिए सुरक्षित प्रशिक्षण वातावरण, संस्थागत समर्थन और व्यापक जागरूकता के लिए कई वर्षों से प्रयास किए हैं। उन्होंने हाल ही में महिला ब्लाइंड क्रिकेट विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम को भी बधाई दी।


स्थानीय खेल परिसरों में सुविधाओं की कमी

सांसद ने एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर ध्यान केंद्रित किया, यह बताते हुए कि भारत में दृष्टिबाधित जनसंख्या लगभग 4.95 मिलियन है। इसके बावजूद, कई उभरते खिलाड़ी असुरक्षित और अनुकूलन-रहित स्थानों पर अभ्यास करने को मजबूर हैं। आवश्यक सुविधाएं जैसे टैक्टाइल पाथवे, श्रव्य संकेत, और अनुकूलित उपकरण अधिकांश खेल परिसरों में उपलब्ध नहीं हैं। प्रशिक्षित कोचों और गाइडों की कमी भी उनकी प्रतिस्पर्धात्मक प्रगति को बाधित करती है।


हालिया विश्व कप जीत का महत्व

शर्मा का दृष्टिबाधित खिलाड़ियों के प्रति समर्थन संसद से परे है। उन्होंने भारतीय दिव्यांग महिला क्रिकेट टीम के सम्मान समारोह में भाग लिया, जिनकी हालिया विश्व कप जीत ने देश को गर्वित किया। भारत में वर्तमान में 24 से अधिक प्रतिस्पर्धी ब्लाइंड क्रिकेट टीमें सक्रिय हैं, जो इस खेल के बढ़ते विस्तार को दर्शाती हैं।


ब्लाइंडफोल्ड क्रिकेट चैलेंज का समर्थन

कार्तिकेय शर्मा ने एक अनोखी पहल — ब्लाइंडफोल्ड क्रिकेट चैलेंज — को भी प्रोत्साहित किया है, जिसमें नागरिकों को दो-तीन मिनट के लिए आंखों पर पट्टी बांधकर क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को यह अनुभव कराना है कि बिना दृष्टि के खेलना कितना चुनौतीपूर्ण है और इस प्रक्रिया में दृष्टिबाधित खिलाड़ियों के प्रति सहानुभूति विकसित करना।


खेल पारिस्थितिकी में सुधार

संसद में शर्मा ने बताया कि पिछले दशक में भारत ने पैरास्पोर्ट्स में उल्लेखनीय प्रगति की है। खेलो इंडिया पैरा गेम्स जैसे कदमों ने देश में एक मजबूत खेल पारिस्थितिकी का निर्माण किया है। हाल के वर्षों में भारत ने अंतरराष्ट्रीय पैरा प्रतियोगिताओं में अपना सबसे बड़ा दल भेजा है और पदक संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई है।


आवश्यक सुधारों की मांग

शर्मा ने नेत्रहीन खिलाड़ियों के लिए सुविधाओं के विस्तार, समर्पित प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना, प्रशिक्षित कोचों की उपलब्धता और सभी खेल स्थलों पर स्पष्ट सुगम्यता मानकों को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।


राष्ट्रीय पहचान और सम्मान की आवश्यकता

कार्तिकेय शर्मा का यह प्रयास दृष्टिबाधित खिलाड़ियों के समर्थन में संसद की एक प्रभावी आवाज को फिर से पुष्ट करता है। उनका निरंतर प्रयास यह सुनिश्चित करता है कि नेत्रहीन खिलाड़ियों की प्रतिभा और दृढ़ता को वह राष्ट्रीय पहचान और सम्मान मिले जिसके वे पूर्णत: हकदार हैं।