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Mumbai Terror Attacks 2008: Chidambaram's Shocking Admission on UPA's Inaction

Former Home Minister P. Chidambaram has made a startling revelation regarding the UPA government's response to the 2008 Mumbai terror attacks. He admitted that the government decided against military action due to international pressure and advice from the foreign ministry. Despite his personal desire for retaliation, the government opted for restraint, influenced by global sentiments urging against war. This admission has drawn sharp criticism from BJP leaders, who accuse the UPA of failing to adequately respond to the attacks. The discussion around this sensitive topic continues to evoke strong political reactions.
 

Mumbai Terror Attacks 2008: Chidambaram's Revelations

Mumbai Terror Attacks 2008: पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों के बाद तत्कालीन यूपीए सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कोई सैन्य कार्रवाई न करने का निर्णय लिया। उनके अनुसार, यह निर्णय भारी अंतरराष्ट्रीय दबाव और विदेश मंत्रालय की सलाह के कारण लिया गया था।


बदला लेने की इच्छा लेकिन कार्रवाई का अभाव

चिदंबरम ने कहा कि हमलों के कुछ दिन बाद जब उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री का पद संभाला, तब उनके मन में बदले की भावना थी। उन्होंने कहा कि उनके मन में बदला लेने का विचार आया, लेकिन सरकार ने सैन्य प्रतिक्रिया न देने का निर्णय लिया। उन्होंने याद दिलाया कि उस समय पूरी दुनिया दिल्ली में थी और कह रही थी, युद्ध मत करो।


अमेरिकी हस्तक्षेप का प्रभाव

चिदंबरम ने बताया कि तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलीज़ा राइस उनके कार्यालय आईं और प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान अनुरोध किया कि कोई सैन्य प्रतिक्रिया न दी जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह निर्णय सरकार ने लिया, लेकिन उनके मन में तत्काल कार्रवाई की इच्छा थी। उन्होंने प्रधानमंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संभावित जवाबी कार्रवाई पर चर्चा की।


हमले की भयावहता

26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने मुंबई के कई प्रमुख स्थानों पर हमला किया। इसमें छत्रपति शिवाजी महाराज रेलवे स्टेशन, ताज महल पैलेस, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल और नरीमन हाउस शामिल थे। इस हमले में 175 लोगों की जान गई और कई गंभीर रूप से घायल हुए। मुंबई पुलिस ने आतंकवादियों में से अजमल कसाब को पकड़ लिया, जिसे 2012 में फांसी दी गई।


भाजपा नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया

चिदंबरम के बयान पर भाजपा नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि यह स्वीकारोक्ति बताती है कि देश जानता था कि मुंबई हमलों का सही तरीके से सामना नहीं किया गया।



भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने आरोप लगाया कि चिदंबरम हमलों के समय गृह मंत्री बनने के लिए अनिच्छुक थे, लेकिन वे पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई चाहते थे। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सोनिया गांधी या तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस कदम को रोका और यूपीए सरकार कोंडोलीज़ा राइस के दबाव में थी।


कांग्रेस पर गंभीर आरोप

भाजपा नेताओं ने यूपीए सरकार पर पाकिस्तान को क्लीन चिट देने, हिंदू आतंकवाद की कहानी को बढ़ावा देने और पाकिस्तान को एमएफएन (Most Favored Nation) का दर्जा देने के लिए गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि कांग्रेस सरकार ने आतंकवादी हमलों के बावजूद इस्लामाबाद के खिलाफ कोई ठोस सैन्य कदम नहीं उठाया।