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नगालैंड में ’किशोरियों का क्लब’ सामाजिक जीवन कौशल को बना रहा सशक्त

 


नई दिल्ली, 24 फरवरी (हि.स.)। नगालैंड के स्कूलों में किशोरियों के लिए बनाया गया

’किशोरियों का क्लब’ इन दिनों देश में नजीर पेश कर रहा है। इन क्लबों में किशोरियों को न सिर्फ शिक्षित किया जा रहा है बल्कि स्वास्थ्य जागरुकता और सामाजिक जीवन कौशल विकास के माध्यम से उन्हें सशक्त भी बना रहा है।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अनुसार किशोरावस्था एक महत्वपूर्ण विकासात्मक चरण है जो तीव्र शारीरिक और मानसिक परिवर्तन का चरण है जहां वे संवेदनशील परिस्थितियों का सामना करते हैं, जो उन्हें बीमारी और जोखिम लेने वाले व्यवहारों की ओर ले जा सकता है। उन्हें स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए इस तरह की पहल उनके लिए वरदान साबित हो रहा है। किशोरियों का क्लब उनके उचित मार्गदर्शन के साथ, उनकी ताकत और प्रतिभाओं का पता लगाने में मदद करेगा और उनके सपनों को पूरा करने में सहायक होगा।

उल्लेखनीय है कि 5 अक्टूबर 2024 को मिशन शक्ति के तहत पहला किशोरियों का क्लब डॉन बॉस्को उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, वोक्हा, नगालैंड में 50 किशोरियों के सदस्यों के साथ लॉन्च किया गया था। नगालैंड में बनाए गए क्लब के उद्देश्यों में किशोरियों का सशक्तीकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य जागरुकता, नेतृत्व विकास, सामाजिक कल्याण शामिल है। इसके साथ किशोरियों में समुदाय सेवा परियोजनाओं में भागीदारी को प्रोत्साहित करना ताकि अपनत्व और जिम्मेदारी की भावना विकसित हो सके।

इन क्लबों में कार्यशालाएं, प्रशिक्षण, मेंटरशिप कार्यक्रम, स्वास्थ्य शिविर, आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

मंत्रालय के अनुसार क्लब के माध्यम से किशोरियों और माता-पिता के लिए एक विशेष किशोर उपकरण किट दिया जाता है। शिक्षक और परामर्शदाता किशोरियों से संबंधित विभिन्न आईईसी सामग्रियों पर काम करते हैं जिसमें मानसिक स्वास्थ्य, किशोर गर्भावस्था और इसके प्रभाव, बाल शोषण और इसकी रोकथाम, हेल्पलाइन नंबर आदि शामिल है।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी