उर्दू का रिश्ता हमारी रूह से है: मुजफ्फर अली
नई दिल्ली, 22 फ़रवरी (हि.स.)। इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद द्वारा चल रहे तीन दिवसीय विश्व उर्दू सम्मेलन के दूसरे दिन चार तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। पहला सत्र 'उर्दू शिक्षा का माध्यम' विषय पर था।
इस सत्र में उद्घाटन भाषण देते हुए परिषद के निदेशक डॉ. शम्स इक़बाल ने कहा कि उर्दू शिक्षा माध्यम का वर्तमान परिदृश्य कई मायनों में विचारणीय है, जिस पर हमें ध्यान देना चाहिए और वर्तमान स्थिति में सुधार के संभावित तरीकों पर विचार करना चाहिए, इसी उद्देश्य से आज यह बैठक आयोजित की गई है। मुझे उम्मीद है कि विषय के संबंध में महत्वपूर्ण बिंदु सामने आएंगे।
इस सत्र के पेपर प्रस्तुतकर्ता में प्रो. रियाज़ अहमद और प्रो. तलअत अज़ीज़ शामिल थे, जबकि अध्यक्षता डॉ. अम्मार रिज़वी और प्रो. ग़ज़नफ़र ने की। चर्चा में भाग लेने वालों में प्रो. फारूक़ अंसारी, प्रो. मुहम्मद फैज़ अहमद, डॉ. सैयद ज़फ़र असलम और डॉ. अहमद अली जौहर शामिल थे।
इस सत्र के प्रतिभागियों ने शिक्षा के उर्दू माध्यम के विभिन्न पहलुओं पर विचार करने और आधुनिक युग की ज़रूरतों के अनुसार उर्दू की शिक्षण सामग्री को अनुकूलित करने के लिए विभिन्न रणनीतियों को अपनाने के साथ-साथ मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा के महत्व पर ज़ोर दिया।
इस सत्र का संचालन नुसरत जहां ने किया ।
हिन्दुस्थान समाचार / अब्दुल वाहिद
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हिन्दुस्थान समाचार / Abdul Wahid