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NCRB रिपोर्ट: 2023 में चरमपंथी हिंसा में आई बड़ी कमी, लेकिन हथियार लूट में बढ़ोतरी

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की नई रिपोर्ट में 2023 में भारत में चरमपंथी हिंसा, विद्रोह और आतंकवादी घटनाओं में महत्वपूर्ण कमी का उल्लेख किया गया है। हालांकि, पुलिस और सुरक्षाबलों के शहीद होने की संख्या में वृद्धि हुई है। मणिपुर में जातीय संघर्ष के कारण हिंसा की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जबकि जम्मू-कश्मीर में अपराधों में गिरावट देखी गई है। रिपोर्ट में हथियार और कारतूस लूटने की घटनाओं में भी अप्रत्याशित वृद्धि का उल्लेख है। जानें इस रिपोर्ट के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।
 

NCRB रिपोर्ट का सारांश

NCRB रिपोर्ट: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2023 में भारत में चरमपंथी हिंसा, विद्रोह और आतंकवादी घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है। यह गिरावट 2022 की तुलना में महत्वपूर्ण है, जिससे आम नागरिकों की मौतों की संख्या भी कम हुई है। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि इस दौरान पुलिस और सुरक्षाबलों के शहीद होने की संख्या में वृद्धि हुई है।


चरमपंथी घटनाओं में कमी

NCRB के अनुसार, 2022 में चरमपंथ, विद्रोह और आतंकवादी हिंसा के 446 मामले दर्ज हुए थे, जो 2023 में घटकर 163 रह गए। इसमें वामपंथी उग्रवाद, जिहादी आतंकवाद और पूर्वोत्तर के विद्रोही मामले शामिल हैं।


  • जिहादी आतंकवाद: 2022 में 126 मामले थे, जो 2023 में घटकर केवल 15 रह गए।

  • पूर्वोत्तर में विद्रोह: 2022 के 26 मामलों की तुलना में 2023 में केवल 10 मामले दर्ज किए गए।

  • वामपंथी चरमपंथ में 44% से अधिक की कमी आई है।


आत्मसमर्पण के मामलों में कमी

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2023 में 318 चरमपंथियों ने आत्मसमर्पण किया, जबकि 2022 में यह संख्या 417 थी। इस प्रकार आत्मसमर्पण के मामलों में लगभग 23% की कमी आई है।


हथियार और कारतूस की लूट में वृद्धि

हालांकि हिंसक घटनाओं में कमी आई है, लेकिन चरमपंथियों द्वारा हथियार और कारतूस लूटने की घटनाओं में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है।


  • 2022 में केवल 36 हथियार और 99 कारतूस लूटे गए थे।

  • 2023 में यह आंकड़ा बढ़कर 706 हथियार और 19,946 कारतूस हो गया।


मणिपुर में हिंसा की स्थिति

पूर्वोत्तर क्षेत्र में 2023 में सबसे अधिक हिंसक घटनाएं मणिपुर में हुईं। रिपोर्ट के अनुसार, मई 2023 से इंफाल घाटी में मेइती और कुकी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष ने राज्य को अशांत बनाए रखा।


  • 2023 में मणिपुर में 14,427 हिंसक अपराध दर्ज हुए, जबकि 2022 में यह संख्या केवल 631 थी।

  • अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ अपराधों के सबसे अधिक मामले भी मणिपुर में दर्ज किए गए।


जम्मू-कश्मीर में अपराधों में गिरावट

जम्मू-कश्मीर में 2021 से 2023 के बीच अपराधों में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है।


  • 2021 में कुल 31,675 आपराधिक मामले दर्ज हुए थे।

  • 2022 में यह संख्या घटकर 30,197 हो गई।

  • 2023 में यह और घटकर 29,595 पर आ गई।


इसका मतलब है कि 2021 से 2023 के बीच कुल 2,080 मामलों की कमी आई है।