NSCN-K को अवैध संगठन घोषित करने का गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला
गृह मंत्रालय का ऐतिहासिक निर्णय
National Socialist Council of Nagaland-Khaplang: गृह मंत्रालय (MHA) ने सोमवार को नागालैंड के खापलांग समूह, जिसे National Socialist Council of Nagaland (Khaplang) के नाम से जाना जाता है, को 28 सितंबर से प्रभावी 5 साल के लिए 'अवैध संगठन' घोषित कर दिया है। मंत्रालय ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि NSCN-K देश की संप्रभुता और अखंडता के लिए एक गंभीर खतरा बन चुका है और इसकी गतिविधियां 'राष्ट्र की एकता के खिलाफ' हैं।
NSCN-K की गतिविधियों का विवरण
सरकार ने बताया कि NSCN-K ने ULFA(I), PREPAK और PLA Manipur जैसी अन्य अवैध संगठनों के साथ मिलकर 'सर्वोच्च नागालैंड' बनाने की कोशिश की है, जिसमें भारत और म्यांमार के क्षेत्र शामिल हैं। इसके अलावा, यह संगठन सरकारी कर्मचारियों, नागरिकों और व्यापारियों के अपहरण में भी संलिप्त रहा है।
गृह मंत्रालय की चिंताएं
MHA ने चेतावनी दी है कि यदि NSCN-K की गतिविधियों पर नियंत्रण नहीं पाया गया, तो यह संगठन फिर से सशस्त्र होकर अपने सदस्यों की संख्या बढ़ा सकता है, जिससे नागरिकों और सुरक्षा बलों के लिए खतरा बढ़ सकता है। मंत्रालय ने कहा कि अब, 1967 के Unlawful Activities (Prevention) Act की धारा 3(1) के तहत, केंद्रीय सरकार NSCN-K और इसके सभी विंग्स, उप-शाखाओं और फ्रंट संगठनों को अवैध संगठन घोषित करती है।
NSCN-K का इतिहास
NSCN-K दशकों से प्रतिबंधित संगठन रहा है। इसका नेता शांगवांग शांगयुंग खापलांग, जो म्यांमार का नागरिक था, 9 जून 2017 को निधन हो गया। वर्तमान में संगठन का नेतृत्व खापलांग के दो डिप्टी कर रहे हैं। NSCN-K की प्रतिद्वंद्वी शाखा, NSCN-IM ने पहले केंद्रीय सरकार के साथ शांति समझौता किया था।
केंद्र सरकार का यह कदम NSCN-K और उसके फ्रंट संगठनों की अवैध गतिविधियों पर कड़ा संदेश है। इसे सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों की सतर्कता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस निर्णय से भारत की संप्रभुता और नागरिक सुरक्षा को खतरा पैदा करने वाले तत्वों पर नियंत्रण मजबूत होगा.