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PM KISAN योजना की 20वीं किस्त: जानें कैसे करें स्टेटस चेक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने PM KISAN योजना की 20वीं किस्त के तहत ₹20,500 करोड़ की राशि 9.7 करोड़ किसानों के खातों में ट्रांसफर की है। यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से भेजी गई है, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहती है। किसान अब अपनी स्थिति को pmkisan.gov.in पर जाकर चेक कर सकते हैं। इस लेख में हम आपको स्टेटस चेक करने और जानकारी अपडेट करने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताएंगे।
 

PM KISAN योजना की 20वीं किस्त का अपडेट

किसानों के लिए PM-KISAN योजना की 20वीं किस्त का इंतजार खत्म हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से ₹20,500 करोड़ की राशि 9.7 करोड़ किसानों के खातों में ट्रांसफर कर दी है। यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से भेजी गई है, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहती है।


योजना का इतिहास और लाभ

यह योजना 2019 में शुरू की गई थी और अब तक किसानों को 3.69 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि मिल चुकी है। हर वर्ष किसानों को ₹6,000 की सहायता तीन किस्तों में प्रदान की जाती है।


स्टेटस चेक करने और जानकारी अपडेट करने की प्रक्रिया

PM-KISAN योजना पूरी तरह से डिजिटल है। किसान अपना स्टेटस pmkisan.gov.in पर जाकर चेक कर सकते हैं। दाईं ओर 'अपना स्टेटस जानें' विकल्प पर क्लिक करें, पंजीकरण नंबर और कैप्चा भरें, फिर 'डेटा प्राप्त करें' पर क्लिक करें।


जानकारी अपडेट करने के लिए किसान मोबाइल ऐप, वेब पोर्टल, AI चैटबोट और भाषिणी प्लेटफॉर्म का उपयोग कर सकते हैं। 2023 में शुरू हुआ AI चैटबोट 'किसान-ईमित्रा' स्थानीय भाषाओं में जानकारी प्रदान करता है और शिकायतों का त्वरित समाधान करता है।


डाक विभाग के माध्यम से आधार-मोबाइल लिंकिंग की सुविधा भी उपलब्ध है।


रजिस्ट्रेशन और योजना की विशेषताएं

PM-KISAN योजना में रजिस्ट्रेशन के लिए किसान या उनके जीवनसाथी का नाम, जन्म तिथि, बैंक खाता संख्या, IFSC/MICR कोड, आधार नंबर और मोबाइल नंबर की आवश्यकता होती है।


पैसा सीधे आधार लिंक्ड खातों में जाता है, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो जाती है। 5 लाख से अधिक CSCs पर पंजीकरण और सहायता उपलब्ध है।


प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह योजना छोटे किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से यह योजना देश के दूरदराज के किसानों तक पहुंच रही है।