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PM Modi का मणिपुर दौरा: विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शांति की कोशिश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 सितंबर 2025 को मणिपुर का दौरा करेंगे, जहां वे 8,500 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। यह यात्रा मणिपुर में शांति बहाली और विकास की प्रक्रिया को गति देने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। पीएम मोदी चुराचांदपुर में भी योजनाओं की आधारशिला रखेंगे और इम्फाल में परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इस दौरे के दौरान, वह विस्थापित लोगों से भी मिलेंगे। विपक्ष ने दौरे में देरी को लेकर सरकार की आलोचना की है, जबकि कांग्रेस ने इसे प्रतीकात्मक कदम बताया है।
 

प्रधानमंत्री मोदी का मणिपुर दौरा

PM Modi visit Manipur: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 सितंबर 2025 को मणिपुर की यात्रा करेंगे। यह उनका पहला दौरा है, जहां 2023 में जातीय हिंसा के चलते स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। इस यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री लगभग 8,500 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. इसके साथ ही, मिजोरम में पहली बार ट्रेन की आवाज सुनाई दी है। आजादी के 70 साल बाद आइजोल तक ट्रेन पहुंची है। बैराबी से सैरांग तक 51 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का उद्घाटन पीएम मोदी शनिवार को करेंगे।


चुराचांदपुर में पीएम मोदी का कार्यक्रम

चुराचांदपुर पहुंचेंगे पीएम नरेंद्र मोदी

राज्य के मुख्य सचिव पुनीत कुमार गोयल ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी पहले मिजोरम से चुराचांदपुर जाएंगे और फिर राजधानी इम्फाल की ओर बढ़ेंगे। चुराचांदपुर में, वह 7,300 करोड़ रुपये की लागत वाली योजनाओं की आधारशिला रखेंगे, जिनमें आधारभूत संरचना, कनेक्टिविटी और सामाजिक कल्याण से संबंधित परियोजनाएं शामिल हैं। इसके बाद, पीएम मोदी इम्फाल में 1,200 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे.


पीएम मोदी के दौरे का महत्व

पीएम मोदी के मणिपुर दौरे के मायने 

इस दौरे को मणिपुर में शांति की बहाली और विकास की प्रक्रिया को तेज करने के रूप में देखा जा रहा है। इस दौरान, प्रधानमंत्री कुछ आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों से भी मिलेंगे, जो हिंसा के कारण अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर हुए थे.


मणिपुर में हिंसा का कारण

मणिपुर में क्यों भड़की थी हिंसा?

मई 2023 में मणिपुर में जातीय संघर्ष तब शुरू हुआ जब मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने के खिलाफ 'आदिवासी एकजुटता मार्च' निकाला गया। इसके बाद राज्य में व्यापक हिंसा फैल गई, जिसमें कई लोगों की जान गई और हजारों लोग विस्थापित हुए.


विपक्ष की आलोचना

दौरे में देरी को लेकर विपक्ष ने की आलोचना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी और दौरे में देरी को लेकर विपक्ष ने बार-बार सरकार की आलोचना की। अगस्त 2023 में, विपक्ष ने संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाकर इस मुद्दे को उठाया, जिस पर सरकार ने कहा कि पूर्वोत्तर के मामले में कांग्रेस की नीतियां विफल रही हैं.


कांग्रेस की प्रतिक्रिया

दौरे को लेकर कांग्रेस की प्रतिक्रिया

पीएम मोदी ने संसद में कहा था कि मणिपुर के लोग अकेले नहीं हैं और केंद्र सरकार राज्य में शांति बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस बीच, कांग्रेस ने प्रधानमंत्री की इस यात्रा को 'बहुत देर से उठाया गया प्रतीकात्मक कदम' बताया है.