PM Modi ने GST सुधारों को बताया 'बचत उत्सव', जानें क्या हैं नए बदलाव
प्रधानमंत्री मोदी का GST सुधारों पर बयान
प्रधानमंत्री मोदी ने जीएसटी सुधारों की सराहना की: सोमवार को लागू हुए जीएसटी सुधारों की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे देशवासियों के लिए 'बचत उत्सव' करार दिया। उनका कहना है कि इन परिवर्तनों से न केवल बाजारों में रौनक आएगी, बल्कि हर घर में खुशी भी देखने को मिलेगी।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पीएम मोदी ने लिखा, 'बाजारों से लेकर घरों तक, जीएसटी बचत उत्सव, उत्सव का माहौल लेकर आता है, जिससे हर घर में कम लागत और उज्जवल मुस्कान सुनिश्चित होती है!' उन्होंने इसे एक ऐतिहासिक कदम बताया, जो आम जनता को सीधा लाभ पहुंचाएगा।
नवरात्रि से शुरू हुए जीएसटी सुधार
सरकार द्वारा किए गए महत्वपूर्ण परिवर्तनों के तहत 4 स्तरीय टैक्स ढांचे को समाप्त कर दिया गया है। पहले जीएसटी 5%, 12%, 18% और 28% की चार श्रेणियों में लागू होता था, लेकिन अब इसे सरल बनाते हुए केवल दो दरों- 18% और 5% में समायोजित किया गया है। यह नया टैक्स ढांचा सोमवार, 22 सितंबर से लागू हुआ, जो नवरात्रि के पहले दिन से प्रभावी हो गया।
आम जनता को होगा सीधा लाभ
प्रधानमंत्री ने रविवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि इन परिवर्तनों से देशवासियों को लगभग ₹2.5 लाख करोड़ की बचत होगी। उन्होंने बताया कि जीएसटी दरों में कटौती और इस साल की शुरुआत में किए गए आयकर सुधारों से लोगों के पास अधिक पैसा बचेगा।
उन्होंने कहा कि लोग अब अधिक बचत कर सकेंगे और अपनी पसंदीदा चीजें खरीद सकेंगे। इन सुधारों का लाभ युवाओं, किसानों, महिलाओं, दुकानदारों, व्यापारियों और उद्यमियों सभी को मिलेगा। इस त्योहार के मौसम में हर किसी के पास खुश होने का एक कारण होगा।
MSME और छोटे व्यापारियों के लिए 'डबल बोनस'
पीएम मोदी ने इस सुधार को छोटे व्यापारियों और MSME क्षेत्र के लिए एक वरदान बताया। उन्होंने कहा कि टैक्स में कमी से उनकी बिक्री बढ़ेगी और टैक्स का बोझ घटेगा। यह उनके लिए डबल बोनस साबित होगा। उन्होंने आगे बताया कि इस कदम से रोजगार और आय, दोनों में वृद्धि होगी।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में स्वदेशी उत्पादों को अपनाने की अपील भी की। उनका कहना है कि भारत तभी तरक्की करेगा जब भारतीय गर्व से भारतीय वस्तुएं खरीदेंगे। उनके अनुसार, जीएसटी सुधारों के साथ 'मेक इन इंडिया' को नई गति मिलेगी और देश की आर्थिक प्रगति तेज होगी।