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PM मोदी और अमित शाह की राष्ट्रपति से मुलाकात: क्या है इसके पीछे का रहस्य?

रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। यह बैठकें राष्ट्रपति भवन में हुईं, लेकिन इनके उद्देश्य को सार्वजनिक नहीं किया गया। पीएम मोदी की यह मुलाकात उनकी हालिया विदेश यात्रा के बाद हुई है। संसद में चल रहे गतिरोध और मणिपुर में राष्ट्रपति शासन के विस्तार के बीच इन मुलाकातों का समय महत्वपूर्ण है। जानें इस राजनीतिक घटनाक्रम के पीछे की कहानी और इसके संभावित प्रभाव।
 

रविवार को हुई महत्वपूर्ण मुलाकातें

रविवार को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राष्ट्रपति भवन में अलग-अलग मुलाकात की। हालांकि, इन बैठकों के उद्देश्य को आधिकारिक रूप से नहीं बताया गया।


विदेश यात्रा के बाद पीएम की पहली मुलाकात

राष्ट्रपति भवन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर जानकारी साझा करते हुए लिखा, "प्रधानमंत्री श्री @narendramodi ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की।" यह बैठक पीएम मोदी की यूनाइटेड किंगडम और मालदीव की हालिया यात्रा के बाद हुई।


अमित शाह की मुलाकात और तस्वीरें

पीएम मोदी की मुलाकात के कुछ घंटों बाद, गृह मंत्री अमित शाह ने भी राष्ट्रपति से भेंट की। उन्होंने अपने आधिकारिक X हैंडल पर राष्ट्रपति के साथ तस्वीर साझा करते हुए लिखा, "माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी से राष्ट्रपति भवन में शिष्टाचार भेंट की।"


बैठकों का समय और संसद का गतिरोध

इन उच्चस्तरीय बैठकों का समय महत्वपूर्ण है, क्योंकि संसद का मॉनसून सत्र वर्तमान में गतिरोध का सामना कर रहा है। विपक्ष बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में 'विशेष गहन पुनरीक्षण' की मांग कर रहा है।


मणिपुर में राष्ट्रपति शासन का विस्तार

हाल ही में, लोकसभा ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को छह महीने और बढ़ाने का प्रस्ताव पारित किया है, जो अब तक राज्यसभा में विचाराधीन है।


अंतरराष्ट्रीय चुनौतियाँ

प्रधानमंत्री मोदी की यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से निर्यात पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इसके साथ ही, रूस से सैन्य उपकरणों और कच्चे तेल की खरीद पर अमेरिका ने संभावित प्रतिबंधों की चेतावनी दी है।


राजनीतिक तापमान में वृद्धि

इन मुलाकातों की अहमियत इसलिए भी बढ़ गई है क्योंकि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। निर्वाचन आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव की तारीख 9 सितंबर तय की है।


सारांश

प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की राष्ट्रपति से मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब संसद में कामकाज ठप है, पूर्वोत्तर में हालात संवेदनशील हैं और अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर चुनौतियाँ बढ़ रही हैं।