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PNB घोटाले में नीरव मोदी के भाई नेहल मोदी की अमेरिका में गिरफ्तारी

पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में नीरव मोदी के भाई नेहल मोदी को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है। नेहल पर आरोप है कि उन्होंने अवैध धन को छिपाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और घोटाले के बाद सबूत नष्ट करने में भी शामिल थे। यह गिरफ्तारी भारत में न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
 

नेहल मोदी की गिरफ्तारी का विवरण

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले में शामिल फरार हीरा व्यापारी नीरव मोदी के भाई नेहल मोदी को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया है। रिपोर्टों के अनुसार, यह कार्रवाई केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा संयुक्त रूप से किए गए प्रत्यर्पण अनुरोध के आधार पर की गई। अमेरिकी अधिकारियों ने शुक्रवार को नेहल को हिरासत में लिया और भारत को इसकी सूचना दी।


नेहल मोदी की भूमिका और PNB घोटाला

नेहल मोदी कौन हैं? 46 वर्षीय नेहल दीपक मोदी को भारत के 13,000 करोड़ रुपये के PNB घोटाले में शामिल होने के आरोप में अमेरिका में गिरफ्तार किया गया है, जो देश के सबसे बड़े वित्तीय घोटालों में से एक है। अमेरिकी अभियोजकों ने उनके खिलाफ दो आरोपों पर प्रत्यर्पण कार्यवाही शुरू की है: धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 की धारा 3 के तहत मनी लॉन्ड्रिंग और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-B और 201 के तहत आपराधिक साजिश।


अवैध धन छिपाने में भूमिका

नेहल पर आरोप है कि उन्होंने अवैध धन को शेल कंपनियों और विदेशी लेनदेन के माध्यम से छिपाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अधिकारियों का कहना है कि नेहल ने नीरव मोदी की आपराधिक गतिविधियों में “जानबूझकर और इरादतन” सहायता की।


साक्ष्य नष्ट करने का आरोप

घोटाले के बाद सबूत नष्ट करने का आरोप बेल्जियम के एंटवर्प में जन्मे और पले-बढ़े नेहल अंग्रेजी, गुजराती और हिंदी में पारंगत हैं। प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट में उनका नाम शामिल है। ED के अनुसार, घोटाला सामने आने के बाद नेहल ने नीरव के करीबी सहयोगी मिहिर आर. भंसाली के साथ मिलकर दुबई से 50 किलो सोना और बड़ी मात्रा में नकदी हटाई। उन्होंने डमी निदेशकों को जांच के दौरान उनका नाम न लेने की हिदायत भी दी।


भारत के लिए महत्वपूर्ण प्रगति

भारत के लिए अहम कदम नेहल की गिरफ्तारी PNB घोटाले की जांच में एक महत्वपूर्ण प्रगति है। भारत सरकार और जांच एजेंसियां लंबे समय से नीरव और उनके सहयोगियों को न्याय के दायरे में लाने के लिए प्रयासरत हैं। इस कार्रवाई से घोटाले के दोषियों को सजा दिलाने की दिशा में एक और कदम बढ़ा है।