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PNB घोटाले में मेहुल चोकसी का प्रत्यर्पण रोकने के लिए बेल्जियम की अदालत में अपील

पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में मेहुल चोकसी ने बेल्जियम के सुप्रीम कोर्ट में अपने प्रत्यर्पण के फैसले को चुनौती दी है, जिससे उसकी भारत वापसी की प्रक्रिया पर रोक लग गई है। चोकसी ने एंटवर्प की अपीलीय अदालत के निर्णय को चुनौती दी है, जिसने भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध को लागू करने योग्य माना था। इस मामले में आगे की कार्रवाई तब तक रुकी रहेगी जब तक सुप्रीम कोर्ट अंतिम निर्णय नहीं सुनाता। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
 

घोटाले का नया मोड़

नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले से संबंधित मामले में भारत को एक बड़ा झटका लगा है। भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी ने बेल्जियम के सुप्रीम कोर्ट में अपने प्रत्यर्पण के फैसले को चुनौती दी है, जिससे उसे भारत लाने की प्रक्रिया फिलहाल ठप हो गई है।


चोकसी ने 30 अक्टूबर को बेल्जियम के 'कोर्ट ऑफ कैसेशन' में अपील दायर की। उसने एंटवर्प की अपीलीय अदालत के 17 अक्टूबर के उस निर्णय को चुनौती दी है, जिसमें भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध को 'लागू करने योग्य' माना गया था।


एंटवर्प की अपीलीय अदालत ने 17 अक्टूबर को अपने निर्णय में जिला अदालत के 29 नवंबर, 2024 के आदेश को सही ठहराया था। अदालत ने मुंबई की विशेष अदालत द्वारा मई 2018 और जून 2021 में जारी गिरफ्तारी वारंट को 'लागू करने योग्य' करार दिया था। इस निर्णय से मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता लगभग साफ हो गया था।


अपीलीय अदालत ने यह भी स्पष्ट किया था कि चोकसी को भारत भेजे जाने पर उसे निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार मिलेगा और उसके साथ दुर्व्यवहार का कोई खतरा नहीं होगा।


'कोर्ट ऑफ कैसेशन' बेल्जियम की सर्वोच्च अदालत है, जो केवल कानूनी पहलुओं की समीक्षा करती है। यह सुनिश्चित करती है कि निचली अदालतों ने कानून का सही पालन किया है या नहीं।


चोकसी की इस अपील के कारण, जब तक सुप्रीम कोर्ट इस मामले की गहन जांच नहीं कर लेती, तब तक प्रत्यर्पण की प्रक्रिया रोक दी गई है।


सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार, 13,000 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले में मेहुल चोकसी पर 6,400 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप है। यह घोटाला सामने आने से कुछ दिन पहले, जनवरी 2018 में चोकसी भारत से भागकर एंटीगुआ और बारबुडा चला गया था।


बाद में उसे बेल्जियम में देखा गया, जहां वह कथित तौर पर इलाज कराने गया था। भारत ने मुंबई कोर्ट के गिरफ्तारी वारंट के आधार पर 27 अगस्त, 2024 को बेल्जियम से चोकसी के प्रत्यर्पण का आधिकारिक अनुरोध किया था। भारत सरकार ने बेल्जियम को चोकसी की सुरक्षा, जेल व्यवस्था और चिकित्सा सुविधाओं के बारे में कई आश्वासन भी दिए हैं।