PNB घोटाले में मेहुल चोकसी की संपत्तियों की नीलामी की मंजूरी
मुंबई में मेहुल चोकसी पर शिकंजा
मुंबई: पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) का दबाव बढ़ता जा रहा है। मुंबई की विशेष PMLA अदालत ने चोकसी की कंपनी गीतांजलि जेम्स से संबंधित 13 असुरक्षित संपत्तियों की नीलामी को हरी झंडी दे दी है। इन संपत्तियों का कुल मूल्य लगभग 46 करोड़ रुपये आंका गया है।
नीलामी में शामिल संपत्तियाँ
क्या-क्या होगा नीलाम?
इन संपत्तियों में मुंबई के विभिन्न प्रमुख रियल एस्टेट शामिल हैं, जैसे बोरीवली के चार आवासीय फ्लैट, बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में स्थित भारत डायमंड बोर्स का एक कार्यालय और गोरेगांव पूर्व में चार औद्योगिक इकाइयाँ। इसके अलावा, जयपुर विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) में रखी चांदी की ईंटें, अर्ध-कीमती पत्थर और आभूषण बनाने वाली मशीनों को भी नीलाम किया जाएगा।
कोर्ट का निर्णय
लिक्विडेटर की अर्जी पर कोर्ट का फैसला
यह आदेश राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) द्वारा नियुक्त गीतांजलि जेम्स के परिसमापक शांतनु रे की अर्जी पर दिया गया है। रे ने ईडी द्वारा कुर्क की गई संपत्तियों के निपटान की अनुमति मांगी थी। ईडी ने अदालत को बताया कि उसे इस मूल्यांकन और बिक्री पर कोई आपत्ति नहीं है।
नीलामी की राशि का उपयोग
नीलामी की रकम का क्या होगा?
विशेष न्यायाधीश एवी गुजराती ने 4 नवंबर को दिए गए आदेश में स्पष्ट किया है कि केवल उन्हीं संपत्तियों की नीलामी की जा सकती है, जिन पर सुरक्षित लेनदारों का दावा नहीं है। अदालत ने निर्देश दिया है कि नीलामी से प्राप्त राशि (खर्चों में कटौती के बाद) को धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) मामले के अंतिम निपटारे तक अदालत के नाम पर एक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के रूप में रखा जाएगा। यह राशि पीएमएलए कानून के तहत न्यायिक हिरासत में रहेगी।