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POK में उग्र प्रदर्शन: पाकिस्तान सरकार ने किया समझौता, जानें क्या हैं प्रमुख मांगें

पाकिस्तान के POK में पिछले पांच दिनों से चल रहे उग्र प्रदर्शनों के बाद, सरकार ने प्रदर्शनकारियों के साथ समझौता किया है। इस समझौते में 38 में से 25 मांगों को मान लिया गया है, जिसमें मृतकों के परिवारों को मुआवजा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार शामिल हैं। भारत ने इस कार्रवाई को दमनकारी करार दिया है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराने की अपील की है। जानें इस समझौते के प्रमुख बिंदु और प्रदर्शन का जनजीवन पर प्रभाव।
 

POK में प्रदर्शन की पृष्ठभूमि

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POK में विरोध प्रदर्शन: पाकिस्तान में पिछले पांच दिनों से चल रहे तीव्र विरोध प्रदर्शनों के चलते, शनिवार को सरकार ने प्रदर्शनकारियों के साथ समझौता कर लिया। इन प्रदर्शनों में अब तक 12 लोगों की जान जा चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। हालांकि, शहबाज शरीफ की सरकार ने इसे 'शांति की जीत' बताया है, जबकि विश्लेषकों का मानना है कि यह एक चेहरे की बचत का प्रयास है।


प्रदर्शनों का कारण

प्रदर्शन तब शुरू हुए जब सरकार और जम्मू कश्मीर संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (JKJAAC) के बीच बातचीत विफल हो गई। यह इस वर्ष का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन माना जा रहा है, जिसकी शुरुआत 38 मांगों के साथ हुई थी। जब सरकार ने इन मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो लोग सड़कों पर उतर आए, जिससे स्थिति हिंसक हो गई।


सरकार द्वारा मान्य मांगें

सरकार की प्रतिक्रिया

सरकार ने समझौते में प्रदर्शनकारियों की 38 में से 25 मांगों को मान लिया है। इसमें मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने, हिंसा के मामलों में आतंकवाद के तहत केस दर्ज करने और मीरपुर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण की संभावनाओं का अध्ययन करने का निर्णय शामिल है।


स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार

समझौते के अनुसार, स्थानीय सरकार अगले 15 दिनों में हेल्थ कार्ड जारी करेगी, जिससे नागरिकों को मुफ्त चिकित्सा सेवाएं मिलेंगी। इसके अलावा, प्रत्येक जिले में MRI और CT स्कैन मशीनें उपलब्ध कराई जाएंगी। शिक्षा के क्षेत्र में, मुझफ्फराबाद और पुंछ डिवीजनों के लिए दो नए इंटरमीडिएट और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड स्थापित किए जाएंगे।


बिजली संकट का समाधान

बिजली व्यवस्था में सुधार

बिजली संकट से परेशान जनता को राहत देने के लिए, केंद्र सरकार ने PoK में बिजली व्यवस्था के सुधार के लिए 10 अरब पाकिस्तानी रुपये की सहायता देने की घोषणा की है।


प्रदर्शन का जनजीवन पर प्रभाव

जनजीवन पर असर

26 सितंबर को संचार प्रतिबंध के बाद पूरे क्षेत्र में संपर्क व्यवस्था ठप हो गई। प्रदर्शन के कारण सार्वजनिक परिवहन बंद था, और केवल मोटरसाइकिल और कुछ निजी वाहन ही सड़कों पर दिखाई दिए। यह आंदोलन महंगाई और बिजली संकट के खिलाफ ही नहीं, बल्कि सेना समर्थित शहबाज सरकार की नीतियों के खिलाफ भी था।


भारत की प्रतिक्रिया

भारत की चिंता

भारत ने PoK में पाकिस्तान की कार्रवाई को दमनकारी बताते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराने की अपील की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने कहा कि यह पाकिस्तान के दमनकारी रवैये का परिणाम है। भारत ने यह भी स्पष्ट किया है कि पाक अधिकृत कश्मीर देश का अभिन्न अंग है।


पाकिस्तान का भारत पर आरोप

पाकिस्तान का बयान

पाकिस्तान के संघीय मंत्री अहसान इकबाल ने अप्रत्यक्ष रूप से भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदर्शनकारियों को आग से बचना चाहिए, जो हमारे दुश्मन देश को लाभ पहुंचा सकती है।