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संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशनों में महिलाओं की मौजूदगी दीर्घकालिक शांति समझौते में अधिक प्रभावी : राष्ट्रपति

 


नई दिल्ली, 24 फरवरी (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में वैश्विक दक्षिण की महिला शांति सैनिकों के सम्मेलन की प्रतिभागियों से मुलाकात की। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशनों में महिलाओं की अधिक मौजूदगी हिंसा को कम करने और दीर्घकालिक शांति समझौते हासिल करने में अधिक प्रभावी होती है।

प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि शांति स्थापना मिशन में महिलाओं की मौजूदगी इसे और अधिक विविधतापूर्ण और समावेशी बनाती है। महिला शांति रक्षकों की अक्सर स्थानीय समुदायों तक बेहतर पहुंच होती है और वे महिलाओं और बच्चों के लिए रोल मॉडल के रूप में काम कर सकती हैं। वे लिंग आधारित हिंसा से निपटने, विश्वास बनाने और संवाद को बढ़ावा देने के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि महिला कर्मियों के उच्च प्रतिशत वाले शांति मिशन हिंसा को कम करने और दीर्घकालिक शांति समझौते हासिल करने में अधिक प्रभावी रहे हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि हम संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में अधिक महिलाओं को शामिल करें।

राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में भारत के योगदान के गौरवशाली इतिहास को याद किया, जिसमें 2,90,000 से अधिक भारतीय शांति सैनिकों ने 50 से अधिक संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में सेवा की है। आज, अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए, अक्सर प्रतिकूल परिस्थितियों में तैनात 9 सक्रिय मिशनों में 5000 से अधिक भारतीय शांति सैनिक हैं। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि भारतीय महिला शांति सैनिक कर्तव्य की पुकार में सबसे आगे रही हैं। आज छह चल रहे संयुक्त राष्ट्र मिशनों में 154 से अधिक भारतीय महिला शांति सैनिक तैनात हैं। 1960 के दशक में कांगो से लेकर 2007 में लाइबेरिया में पुलिसिंग तक, हमारी महिला शांति सैनिकों ने व्यावसायिकता और आचरण की उच्चतम परंपराओं का प्रदर्शन किया है।

महिला शांति सैनिक नई दिल्ली में “शांति स्थापना में महिलाएं: वैश्विक दक्षिण का परिप्रेक्ष्य” विषय पर आयोजित सम्मेलन में भाग लेने के लिए आई हैं। इस सम्मेलन का आयोजन भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा रक्षा मंत्रालय और संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना केंद्र, नई दिल्ली के साथ साझेदारी में किया जा रहा है। इस सम्मेलन का उद्देश्य वैश्विक दक्षिण की महिला अधिकारियों को एक साथ लाना है ताकि शांति स्थापना के लिए समकालीन प्रासंगिकता के मुद्दों और शांति स्थापना मिशनों के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों पर चर्चा की जा सके।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार