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RBI का नया नियम: लोन चुकाने में चूक पर फोन होगा लॉक

भारतीय रिज़र्व बैंक ने एक नया नियम प्रस्तावित किया है, जिसके तहत लोन चुकाने में चूक करने पर कर्जदाता ग्राहक के मोबाइल फोन को लॉक कर सकेंगे। इस कदम ने उपभोक्ता अधिकारों को लेकर चिंताएँ बढ़ा दी हैं। अध्ययन के अनुसार, भारत में उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, खासकर मोबाइल फोन, लोन पर खरीदे जाते हैं। जानें इस नियम के संभावित प्रभाव और कर्जदाताओं के लिए इसके लाभ।
 

भारतीय रिज़र्व बैंक का प्रस्तावित नियम

नई दिल्ली: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) कर्जदाताओं को नई शक्तियाँ देने की योजना बना रहा है। प्रस्तावित नियम के अनुसार, यदि कोई ग्राहक समय पर लोन चुकाने में असफल होता है, तो कर्जदाता उसके मोबाइल फोन को दूर से लॉक कर सकेंगे। इस कदम ने उपभोक्ता अधिकारों को लेकर बहस और चिंताओं को भी जन्म दिया है।


होम क्रेडिट फाइनेंस द्वारा 2024 में किए गए एक अध्ययन में बताया गया है कि भारत में उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, विशेषकर मोबाइल फोन, बड़ी संख्या में लोन पर खरीदे जाते हैं। टेलीकॉम रेगुलेटर के आंकड़ों के अनुसार, देश में 1.16 बिलियन से अधिक मोबाइल कनेक्शन हैं। ऐसे में, लोन डिफॉल्ट करने वालों से रिकवरी के लिए यह व्यवस्था कर्जदाताओं के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण साबित हो सकती है।


सूत्रों के अनुसार, लोन जारी करते समय ग्राहकों के फोन में एक ऐप इंस्टॉल किया जाएगा, जो डिफॉल्ट की स्थिति में फोन को लॉक करने में मदद करेगा। हालांकि, फोन लॉक होने पर भी ग्राहक का डेटा सुरक्षित रहेगा। आरबीआई अगले कुछ महीनों में फेयर प्रैक्टिस कोड में बदलाव कर इस व्यवस्था पर आधिकारिक दिशानिर्देश जारी कर सकता है। आरबीआई का उद्देश्य कर्जदाताओं की रिकवरी सुनिश्चित करना है, जबकि उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। यह सवाल उठता है कि क्या फोन लॉक करने जैसी सख्ती आम उपभोक्ता पर अतिरिक्त दबाव नहीं डालेगी?


यदि यह नियम लागू होता है, तो बजाज फाइनेंस, डीएमआई फाइनेंस और चोलमंडलम फाइनेंस जैसी कंपनियों को लाभ हो सकता है, क्योंकि छोटे कंज्यूमर प्रोडक्ट लोन की रिकवरी दर में वृद्धि हो सकती है। क्रेडिट ब्यूरो CRIF हाईमार्क के अनुसार, 1 लाख से कम राशि वाले लोन डिफॉल्ट होने का सबसे अधिक खतरा होता है।