RBI ने KYC अपडेट में किए महत्वपूर्ण बदलाव, जानें नए नियम
KYC अपडेट नियमों में बदलाव
KYC अपडेट नियमों में बदलाव: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने KYC (नो योर कस्टमर) अपडेट के लिए नई प्रक्रिया लागू की है। अब KYC अपडेट करना पहले से कहीं अधिक सरल हो गया है।
RBI ने KYC अपडेट की प्रक्रिया में दो महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं। सबसे पहले, बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट्स (BC) जैसे स्थानीय किराना दुकानदार, NGO, SHG और MFI अब KYC अपडेट करने में मदद कर सकेंगे।
KYC अपडेट के लिए सूचना देना अनिवार्य
दूसरा, बैंक अब ग्राहकों को KYC अपडेट के लिए कम से कम तीन बार पहले से सूचित करेंगे, जिसमें एक बार पत्र के माध्यम से जानकारी देना आवश्यक होगा। यह बदलाव उन लोगों के लिए राहत प्रदान करेगा, जिन्हें KYC अपडेट में कठिनाई होती है, विशेषकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में रहने वालों के लिए।
आइए इस बदलाव को विस्तार से समझते हैं और देखते हैं कि यह करोड़ों बैंक ग्राहकों के लिए कैसे फायदेमंद होगा।
बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट कौन होते हैं?
बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट (BC) वे व्यक्ति या संगठन होते हैं जिन्हें बैंक अपने एजेंट के रूप में नियुक्त करता है। ये लोग उन क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाएं प्रदान करते हैं जहां बैंक की शाखाएं कम या बिल्कुल नहीं होतीं। आपके आस-पास का किराना स्टोर, NGO, स्वयं सहायता समूह (SHG), या माइक्रोफाइनेंस संस्थान (MFI) भी BC बन सकते हैं।
बैंक की विस्तारित शाखा
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के अनुसार, बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट बैंक शाखा की विस्तारित शाखा होती है, जो उन क्षेत्रों में बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं प्रदान करती है जहां बैंकिंग सुविधाएं सीमित हैं।
नए नियमों का लाभ
इसका मतलब है कि अब आप अपने क्षेत्र के किराना दुकानदार से KYC अपडेट करवा सकेंगे। यह सुविधा उन लोगों के लिए क्रांतिकारी साबित होगी जिन्हें पहले दूर की बैंक शाखाओं में जाने में कठिनाई होती थी।
RBI के KYC अपडेट में बदलाव
RBI ने KYC अपडेट की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए दो बड़े बदलाव किए हैं।
1. बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट अब KYC अपडेट करेंगे
अब यदि आप अपने KYC विवरण में कोई बदलाव करना चाहते हैं, तो आप बैंक के अधिकृत BC के माध्यम से स्व-घोषणा कर सकते हैं। यह स्व-घोषणा अब इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में बैंक के सिस्टम में दर्ज होगी।
यह कैसे होगा
- आपको BC के साथ बायोमेट्रिक-आधारित ई-KYC प्रमाणीकरण से गुजरना होगा।
- यदि इलेक्ट्रॉनिक मोड उपलब्ध नहीं है, तो आप भौतिक फॉर्म में स्व-घोषणा कर सकते हैं।
- BC को यह घोषणा और आवश्यक दस्तावेज जल्द से जल्द बैंक शाखा में भेजने होंगे। BC आपको घोषणा या दस्तावेज जमा करने की रसीद भी देगा।
- बैंक आपके KYC रिकॉर्ड को अपडेट करेगा और आपको सूचित करेगा कि रिकॉर्ड अपडेट हो गया है।
2. KYC अपडेट के लिए अग्रिम सूचना अनिवार्य है
आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिए हैं कि वे KYC अपडेट की नियत तिथि से कम से कम तीन बार पहले ग्राहकों को सूचित करें। इसमें एक बार पत्र के जरिए जानकारी देना अनिवार्य है।
प्रक्रिया क्या होगी?
बैंक को KYC अपडेट की नियत तिथि से पहले कम से कम तीन बार ग्राहकों को याद दिलाना होगा। यह जानकारी ईमेल, एसएमएस या अन्य उपलब्ध तरीकों से दी जा सकती है, लेकिन एक बार पत्र भेजना अनिवार्य है।
- यदि नियत तिथि के बाद भी KYC अपडेट नहीं होता है, तो बैंक को कम से कम तीन बार और रिमाइंडर भेजना होगा, जिसमें एक बार फिर पत्र भेजना शामिल होगा।
- इन पत्रों में KYC अपडेट करने, मदद के लिए संपर्क करने और KYC अपडेट न करने से होने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी होगी।
- बैंकों को अपने सिस्टम में इस जानकारी और रिमाइंडर का रिकॉर्ड रखना होगा ताकि ऑडिट के समय इसे दिखाया जा सके।
नोट: इन नियमों को 1 जनवरी 2026 तक लागू करना अनिवार्य है।
लंबित मामलों की संख्या
विशेष रूप से DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर), EBT (इलेक्ट्रॉनिक बेनिफिट ट्रांसफर), छात्रवृत्ति और प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के तहत खोले गए खातों में बड़ी संख्या में KYC अपडेट लंबित थे।