RCB की ट्रॉफी परेड में भगदड़: 11 की मौत, बीसीसीआई ने जताया दुख
RCB की ट्रॉफी परेड का दुखद अंत
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने आईपीएल 2025 का खिताब जीतने के बाद एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया। इसके बाद एक ओपन-बस परेड की योजना बनाई गई थी, जिसमें खिलाड़ी अपनी ट्रॉफी के साथ बेंगलुरु की सड़कों पर निकलने वाले थे। लेकिन यह उत्सव एक दुखद घटना में बदल गया, जब भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिससे 11 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए।
बीसीसीआई की प्रतिक्रिया
बीसीसीआई की प्रतिक्रिया
आईपीएल के चेयरमैन अरुण सिंह धूमल ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि बीसीसीआई को इस आयोजन के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं थी। धूमल ने कहा, "यह एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हमें इस आयोजन के बारे में पहले से कोई सूचना नहीं थी। जब हमें मीडिया के माध्यम से पता चला, तो हमने तुरंत आरसीबी के अधिकारियों से संपर्क किया।" उन्होंने यह भी बताया कि जब तक उन्हें घटना की जानकारी मिली, तब तक आयोजन को रोकने का निर्णय नहीं लिया जा सका।
घटना का समय और स्थिति
घटना का समय और स्थिति
आरसीबी के सम्मान समारोह के बाद ओपन-बस परेड का आयोजन शाम 5 बजे के लिए निर्धारित था। हालांकि, दिन के पहले भाग में बेंगलुरु ट्रैफिक एडवाइजरी ने आरसीबी से परेड को रद्द करने का अनुरोध किया था, लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया। इसके बाद भगदड़ की घटना हुई, जिससे कई लोग घायल हो गए। जैसे ही बीसीसीआई को इस घटना की जानकारी मिली, परेड को तुरंत रद्द कर दिया गया।
आरसीबी की प्रतिक्रिया
आरसीबी की प्रतिक्रिया
बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने कहा कि इस तरह के बड़े आयोजनों में उचित सुरक्षा और सावधानी बरतनी चाहिए थी। आरसीबी के प्रवक्ता ने भी कहा, "प्रशंसकों ने 18 सालों तक इस कप का इंतजार किया है। हमें उनकी भावनाओं का सम्मान करना चाहिए था।" उन्होंने यह भी कहा कि आयोजकों को घटना के बाद सही निर्णय लेने की आवश्यकता थी और घायलों के प्रति सहानुभूति जताई।
अंदर का दृश्य
अंदर का दृश्य
धूमल ने कहा कि स्टेडियम में मौजूद लोग पूरी स्थिति से अनजान थे। "भीड़ इतनी अधिक थी कि किसी को अंदाजा नहीं था कि बाहर क्या हो रहा था," उन्होंने कहा। आयोजन स्थल पर जश्न जारी था, लेकिन बाहर की स्थिति बेकाबू हो गई थी। यह उन प्रशंसकों के लिए एक बेहद दुखद दिन था जो अपनी टीम की जीत का जश्न मनाने के लिए बेंगलुरु की सड़कों पर निकले थे, और उनके साथ यह त्रासदी घटित हो गई।