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मप्र के सांची में दो दिवसीय महाबोधि महोत्सव आज से

 


भोपाल, 30 नवंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित प्रसिद्ध बौद्ध पर्यटन एवं यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल सांची में आज से दो दिवसीय महाबोधि महोत्सव का आगाज होगा। केंद्रीय अल्पसंख्यक एवं संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू शाम साढ़े छह बजे इसका शुभारंभ करेंगे। महोत्सव में श्रीलंका, वियतनाम, थाईलैंड और जापान सहित कई देशों के बौद्ध धर्म के अनुयायी शामिल होंगे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार रिजिजू आज शाम 04.20 बजे भोपाल से प्रस्थान कर शाम 05.10 बजे रायसेन जिले के सांची स्थित गेटवे रिट्रीट पहुचेंगे। इसके बाद शाम साढ़े छह बजे बुद्ध जम्बूदीप पार्क में आयोजित सांची महाबोधि महोत्सव का शुभारंभ करेंगे। रिजिजू एक दिसंबर को प्रातः आठ बजे चेतियागिरी विहार सॉची के 72वें वार्षिकोत्सव में शुभारंभ भगवान बुद्ध के शिष्य महामोदग्लायन एवं सारिपुत्र की पवित्र अस्थियों के पूजन कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे। इसके बाद रिजिजू प्रातः 11 बजे सांची से भोपाल के लिए प्रस्थान करेंगे।रायसेन कलेक्टर अरबिंद दुबे ने बताया कि महाबोधि महोत्सव का यह 72वां साल है। यह पहला मौका है, जब सांची मेले का आयोजन नवंबर माह के आखिरी रविवार को नहीं हो रहा है। दरअसल, सांची महाबोधि महोत्सव का आयोजन हर साल नवंबर माह के आखिरी रविवार को होता है। यह परम्परा 1952 से लेकर अब तक चली आ रही थी, लेकिन इस बार मेले की शुरुआत शनिवार से होगी और मुख्य आयोजन एक दिसंबर को होगा।महाबोधि महोत्सव के दौरान भगवान गौतम बुद्ध के प्रमुख शिष्यों सारिपुत्र और महामोग्गलान के पवित्र अस्थि कलश को दर्शनों के लिए बाहर निकाला जाएगा। वहीं, एक दिसंबर को इन अस्थि कलशों की पूजा अर्चना के बाद बौद्ध भिक्षु इन्हें सिर पर रखकर सांची स्तूप की परिक्रमा करेंगे। महाबोधि महोत्सव में सुरक्षा व्यवस्था के लिए करीब 300 से ज्यादा पुलिस जवान तैनात किए गए हैं। पुलिस अधिकारियों में स्वाति एसडीओपी, प्रतिभा शर्मा और सांची पुलिस थाने के थाना प्रभारी भी मौके पर मौजूद रहेंगे।महाबोधि महोत्सव में मप्र टूरिज्म बोर्ड बौद्ध सर्किट करेगा प्रचारितदो दिवसीय महाबोधि महोत्सव में आने वाले अनुयायियों व पर्यटकों को मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा प्रदेश के बौद्ध पर्यटन गंतव्यों से अवगत कराएगा। पर्यटन और संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि बौद्ध अनुयायियों को आकर्षित करने के लिए प्रदेश में बौद्ध सर्किट का विकास और प्रचार किया जा रहा है। सांची, मंदसौर, धार, सतना, रीवा, सतधारा, सोनारी, मुरेल खर्द, ग्यारसपुर जैसे गंतव्यों पर अनुयायियों व पर्यटकों की सुविधा हेतु थीम पार्क, पर्यटन सुविधा केंद्र सहित आधारभूत संरचनाओं का विकास किया जा रहा है। महोत्सव में आने वाले अनुयायियों को एग्जीबिशन से प्रदेश के अन्य गंतव्यों की जानकारी भी दी जाएगी।उन्होंने बताया कि महाबोधि महोत्सव से देश-विदेश से सांची आने वाले बौद्ध अनुयायियों के समक्ष सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से कलाओं में बौद्ध विचार, भगवान बुद्ध की मूल प्रेरणा विश्व शांति और राष्ट्र निर्माण का चित्रण होगा।‘ 30 नवम्बर शाम 6:30 बजे सर्वप्रथम 'जापानी लोक नृत्य एवं गायन' की प्रस्तुति जापान के कलाकारों द्वारा दी जाएगी। इसके बाद भगवान बुद्ध की जीवन कथा पर आधारित महानाट्य 'धम्म चक्र' का मंचन कृति थियेटर एंड स्पोर्ट्स अकादमी, नागपुर के कलाकारों द्वारा किया जाएगा, जिसका निर्देशन शीतल विश्वंभर दोडके ने किया है। पहले दिन 30 नवम्बर की अंतिम प्रस्तुति सुविख्यात गायिका आकृति मेहरा एवं साथी, भोपाल की 'भक्ति गायन' से होगी।दूसरे और आखिरी दिन 1 दिसम्बर को सायं 6:30 बजे से श्रीलंका से आए कलाकार श्रीलंका के लोकगीत प्रस्तुत करेंगे। इसके बाद पंचशील क्लॉसिकल डांस ग्रुप, भोपाल के कलाकारों द्वारा नृत्य एवं गायन की प्रस्तुति दी जाएगी। अगली प्रस्तुति भक्ति/बौद्ध गायन की होगी, जिसे ध्वनि ब्रदर्स, भोपाल द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा। अंतिम प्रस्तुति बुद्ध समूह वंदना की होगी, जिसे ध्रुपद गायन शैली सुरेखा कामले एवं साथी, भोपाल द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा। कार्यक्रम में प्रवेश नि:शुल्क रहेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर