SC Issues Notice on Air India Crash Investigation Demands
Supreme Court Responds to Air India Crash Petition
नई दिल्ली: इस वर्ष अहमदाबाद में घटित एयर इंडिया विमान दुर्घटना की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर दायर याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार और डीजीसीए को नोटिस जारी किया है। यह याचिका ड्रीमलाइनर विमान के पायलट कैप्टन सुमित सभरवाल के 91 वर्षीय पिता पुष्कराज सभरवाल द्वारा प्रस्तुत की गई है।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने प्रारंभिक सुनवाई में स्पष्ट किया कि पायलट को इस हादसे के लिए दोषी नहीं ठहराया गया है। अदालत ने कहा, “आप अपने ऊपर बोझ मत रखिए। प्लेन क्रैश के लिए पायलट को दोष नहीं दिया जा रहा है। प्रारंभिक रिपोर्ट में भी उनके खिलाफ कोई आरोप या संकेत नहीं है।”
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने तर्क किया कि एक अंतरराष्ट्रीय समाचार पत्र की रिपोर्ट ने पायलट की भूमिका पर सवाल उठाए थे। इस पर पीठ ने टिप्पणी की कि ऐसी रिपोर्टिंग भारत को कठघरे में खड़ा करने के दृष्टिकोण से देखी जा सकती है; अदालत तथ्यों और आधिकारिक जांच पर भरोसा करेगी।
12 जून को अहमदाबाद हवाई अड्डे से लंदन के लिए उड़ान भरने वाला बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान उड़ान भरने के तुरंत बाद मेघाणी नगर क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना में विमान में सवार 242 लोगों में से एक को छोड़कर सभी की मृत्यु हो गई थी, साथ ही दुर्घटनास्थल पर मौजूद 19 अन्य लोग भी मारे गए थे।
सर्वोच्च अदालत ने एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन बोर्ड द्वारा 12 जुलाई को जारी की गई रिपोर्ट से एक पैराग्राफ पढ़ा और कहा कि इसमें कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि हादसे के लिए पायलट जिम्मेदार था। इसमें केवल विमान के दो पायलट के बीच बातचीत का उल्लेख है। अदालत ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी। पिछले महीने पायलट के पिता और फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और अदालत की निगरानी में जांच की मांग की थी।