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हाथी पर सवार होकर कर आयेंगी मां दुर्गा, नर पर होगा गमन : चेतन पांडेय

 


चतरा, 19 सितंबर (हि.स.)। शक्ति की अधिष्ठात्री देवी मां दुर्गा की उपासना का महापर्व शारदीय नवरात्र 22 सितम्बर से शुरू हो रहा है।

इस बार शारदीय नवरात्र 9 नहीं बल्कि 10 दिनों का होगा। वहीं दशहरा 11 दोनों का होगा। आचार्य पंडित चेतन पांंडेेय ने बताया कि इस बार माता दुर्गा का आगमन हाथी पर हो रहा है। जबकि गमन नर पर होगा। इस बार माता का आगमन और गमन दोनों शुभ है। माता रानी का हाथी पर आगमन खासकर किसान वर्ग के लिए अत्यंत लाभप्रद होगा। यानि अच्छी बारिश होगी।

आचार्य ने बताया कि नवरात्र का शुभारंभ 22 सितंबर से हो रहा है। इस दिन प्रतिपदा तिथि में कलश स्थापना और मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री का पूजन होगा। इस बार कलश स्थापना के लिए सुबह सूर्योदय के साथ ही शुभ मुहूर्त शुरू हो रहा है। प्रातः काल 7.30 से 9.00 तक राहुकाल रहेगा। राहुकाल के समय का परित्याग कर श्रद्धालु दिन भर कभी भी कलश स्थापना कर सकते हैं। नवरात्र एक अक्टूबर दिन बुधवार तक चलेगा जबकि विजयादशमी दशमी का महात्योहार दो अक्टूबर को मनाया जाएगा। बुधवार को महानवमी का व्रत होगा इसी दिन दोपहर में 2.36 तक नवमी तिथि में नवरात्र का हवन किया जाएगा। दो अक्टूबर को असत्य पर सत्य की विजय का महापर्व विजयादशमी और दशहरा का त्यौहार मनाया जाएगा। इस दिन उदय कालीन दशमी तिथि में शमि पूजा, अपराजिता पूजा और जयंती ग्रहण होगी। इस दिन नीलकंठ नामक पक्षी के दर्शन का विशेष महत्व है। इसी दिन श्रवण नक्षत्र में माता के प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। विजयदशमी का त्योहार इस बार गुरुवार दिन को पड़ रहा है। मत्स्य पुराण, निर्णय सिंधु और धर्म सिंधु के अनुसार माता के गुरुवार को गमन का सवारी नर वाहन है। ऐसे में इस बार माता का गमन नर (मनुष्य ) पर होगा। नर वाहन पर माता का गमन शुभ फल कारक माना गया है। यह राजा और प्रजा दोनों के लिए समृद्धि दायक होगी।

30 सितंबर को दुर्गा महाष्टमी का व्रत

इस बार श्री दुर्गा अष्टमी का व्रत 30 सितंबर दिन मंगलवार को होगा। दुर्गा अष्टमी का व्रत करने वाली महिलाएं और व्रती 29 सितंबर को नहाय-खाय और संयत करेंगी। 30 सितंबर को प्रातः काल से लेकर दोपहर तक श्रीदुर्गा अष्टमी का पूजन होगा। वहीं इसी दोपहर 1.44 पर संधिबलि का अनुष्ठान संपन्न किया जाएगा।

दुर्गा पूजा में झूम कर बरसेगा बदरा

आचार्य ने बताया कि इस बार दुर्गा पूजा में बारिश की संभावना बन रही है़। क्योंकि इस बार शारदीय नवरात्र सह दुर्गा पूजा उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के तृतीय चरण में शुरू हो रहा है। वहीं नवरात्र के पहले दिन सोमवार को माता का आगमन हाथी पर हो रहा है। पंचमी तिथि 27 सितंबर को हस्त (हथिया) नक्षत्र का भी आगाज होगा। हथिया नक्षत्र में इस बार ढाई आढ़क बारिश है। यहां माता के आगमन का वाहन हाथी और हथिया नक्षत्र का संयोग नवरात्र में इस बार जोरदार के बारिश का योग बना रहा है।

देवी की प्रसन्नता के लिए करें शारदीय नवरात्र

आचार्य ने कहा कि शारदीय नवरात्र का महात्म्य वैदिक काल से है। मार्कंडेय पुराण में देवी का महात्म्य दुर्गा सप्तशती में प्रकट किया गया है। वहां वर्णित है कि शुंभ-निशुंभ और महिषासुर जैसे तामसी प्रवृत्ति वाले असुरों का जन्म होने से देवता दुखी हो गए। सभी ने चित्त शक्ति से महामाया की स्तुति की। देवी ने वरदान दिया कि-डरो मत, मैं अचिरकाल में प्रकट हो कर इस असुर पराक्रमी असुरों का संहार करूंगी। आप सभी देवों का दुख दूर करूंगी। मेरी प्रसन्नता के लिए आप लोगों को आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से घट स्थापन पूर्वक नवमी तक नौ दिन पूजा करनी चाहिए। इस आधार पर नवरात्र का महत्व अनादि काल से चला आ रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / जितेन्द्र तिवारी