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बिहार में बीते 19 वर्षों में खाद्यान्न उत्पादन में हुई 192 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि

 




पटना, 29 सितंबर (हि.स.)। बिहार सरकार के प्रयासों से पिछले 19 वर्षों में खाद्यान्न का उत्पादन तेजी से बढ़ा है। खाद्यान में उल्लेखनीय प्रगति के लिए केंद्र सरकार ने ने बिहार को कुल पांच कृषि कर्मण पुरस्कार प्रदान किए हैं।

राज्य के कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक वर्ष 2004-05 में कुल खाद्यान्न उत्पादन 79.06 लाख मीट्रिक टन था, जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 231.15 लाख मीट्रिक टन हो गया है। इस प्रकार, खाद्यान्न उत्पादन में 192.37 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। इससे न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी गति मिली है।

वर्ष 2004-05 में चावल का उत्पादन 26.25 लाख मीट्रिक टन था, जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 95.23 लाख मीट्रिक टन हो गया। इस प्रकार, चावल के उत्पादन में 262.78 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। चावल की प्रति हेक्टेयर उत्पादकता वर्ष 2004-05 में मात्र 14.15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर थी, जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 30.62 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो गई। इस प्रकार, प्रति हेक्टेयर उत्पादकता में 116.40 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

वर्ष 2004-05 में गेहूं का उत्पादन 32.79 लाख मीट्रिक टन था, जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 73.07 लाख मीट्रिक टन हो गया। इस प्रकार, गेहूं के उत्पादन में 122.84 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। गेहूं की प्रति हेक्टेयर उत्पादकता वर्ष 2004-05 में 16.22 क्विंटल थी, जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 32.11 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो गई। इस प्रकार, उत्पादकता में 97.97 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

वर्ष 2004-05 में मक्का का उत्पादन 14.91 लाख मीट्रिक टन था, जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 58.65 लाख मीट्रिक टन हो गया। इस प्रकार, मक्का के उत्पादन में 293 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मक्का की प्रति हेक्टेयर उत्पादकता वर्ष 2004-05 में 23.79 क्विंटल प्रति हेक्टेयर थी, जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 61.38 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो गई। इस प्रकार, उत्पादकता में 158.01% की वृद्धि दर्ज की गई है।

वर्तमान में राज्य में 17 इथेनॉल इकाइयां कार्यरत हैं। इथेनॉल उत्पादन नीति के कारण मक्का के क्षेत्र में विस्तार हुआ है। वर्ष 2004-05 से पहले मक्का का रकबा 6.27 लाख हेक्टेयर था, जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 9.55 लाख हेक्टेयर हो गया है।

बिहार को पांच कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त हुए

इन उपलब्धियों के लिए बिहार को पांच कृषि कर्मण पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। कृषि विकास कार्यक्रमों के परिणामस्वरूप, वर्ष 2011-12 में चावल, वर्ष 2012-13 में गेहूं, वर्ष 2015-16 में मक्का, वर्ष 2016-17 में मक्का तथा वर्ष 2017-18 में गेहूं के उत्पादन एवं उत्पादकता में उल्लेखनीय प्रगति के लिए भारत सरकार ने बिहार को कुल पांच कृषि कर्मण पुरस्कार प्रदान किए हैं।---------------

हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी