आपातकाल के समय जेल मे बंद लोगों के घरों तक संघ के कार्यकर्ताओं ने पहुॅचायी थी राहत समाग्री : अरुण कुमार
सुल्तानपुर, 23 जून (हि.स.)।
-कांग्रेस के केंद्रीय मंत्री के इशारे पर रात मे ही पिता को उठा ले गयी पुलिस
आपात काल के दौरान कांग्रेस के केंद्रीय मंत्री के इशारे पर रात मे ही पिता को पुलिस उठा ले गयी । जिंदगी जीना बहुत मुश्किल हो गया तो उस समय राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयंसेवको ने घर-घर राहत सामग्री पहुँचाया था।
जिले के वरिष्ठ पत्रकार रहे स्व. रामकृष्ण जायसवाल ने आपात काल एवं मीसा तहत जेल की सजा काटी थी। बहुत यातनाएं झेली। स्व. रामकृष्ण जायसवाल के पुत्र अरुण कुमार जायसवाल ने हिन्दुस्थान समाचार से बात की। उन्होंने बताया कि 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लागू की गई आपातकालीन से सुलतानपुर में कई परिवार के लोग प्रभावित हुए। इस दौरान कई लोगों को केंद्र सरकार में मंत्री रहे सुलतानपुर के नेता के इशारे पर कई लोगों को 25 जून की रात्रि में उनके घरों से बिना कुछ बताएं गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें जेल की सलाखों के पीछे भेज डाल दिया गया। इस घटना से जो भी परिवार के सदस्य जेल में बंद हुए उनके परिवार के लोगों पर जैसे घोर विपत्ति आ पड़ी। यही नहीं परिवार के लोगों को आर्थिक एवं मानसिक रूप से भी कष्ट सहना पड़ा।
दो माह तक वह डीआईआर में जेल में बंद रहे और बाद में पेरोल पर जेल से बाहर आये। उसके बाद आर्य समाज मंदिर में एक कार्यक्रम में जब पिताजी मौजूद थे तभी पुलिस द्वारा उन्हें मीसा के तहत गिरफ्तार कर पुनः जेल भेज दिया गया। उन पर यह आरोप लगा दिया गया कि यह सरकार विरोधी व सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के कार्यों में लिप्त थे। इसी के बाद मेरे चाचा स्व. आनंद कृष्ण जायसवाल को भी डीआईआर व मीसा के तहत गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया। चाचा कुछ महीने सुलतानपुर जेल में रहे और उन्हें बरेली जेल ट्रांसफर कर दिया गया था। बरेली जेल में उनके साथ कल्याण सिंह, ओम प्रकाश सिंह जैसे भी लोग बन्द रहे। दोनों परिवार कांग्रेस सरकार की इस हठवादी के शिकार हो गई।
श्री जायसवाल ने बताया मुझे याद है कि उस समय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला प्रचारक रामलखन व नगर प्रचारक गोपाल जेल में बंद सभी स्वयंसेवकों के परिवार जनों की मदद करते। जिसमे अनाज व धन प्रत्येक माह सभी लोगों के सहयोग से पहुचाते । यही नहीं उस समय ऐसा था कि रिश्तेदार भी हम परिवार के लोगों से मिलने से डरने लगे थे कि कहीं हम लोग भी की जेल के सलाखों में न पहुंच जाय।
जेल के कर्मचारियों की मदद से हालचाल पत्रों के माध्यम से मिलता रहा। यही नहीं सभी मीसा बन्दियों को ब्रेड, माखन आदि जो मिलते थे । उसे पिता जी हम लोगो के लिये सम्भाल कर रखते थे और जब रविवार को हम लोग मिलने जाते थे तब वह हम लोगों को दे देते थे।
-मीसा के तहत ये भी रहे बंद
जिला कारागार में श्री त्रिभुवन नाथ संडा, डॉ जीतेन्द्र कुमार अग्रवाल, रवीन्द्र प्रताप सिंह (राजा भैया अमेठी), हरीराम कानोडिया, रामगुलाम द्विवेदी, बैजनाथ गुप्ता, महावीर खेतान, महेश नारायण सिंह, आदित्य प्रसाद आदि भी मीसा के तहत बन्द रहे।
-आपातकाल विरोधी अभियान मे ये भी रहे शामिल
आपातकाल में जिला प्रचारक रामलखन व नगर प्रचारक गोपाल जी के दिशा निर्देशन में यहां के संघ के स्वयं सेवकों ने बड़े कौशल से आपातकाल विरोधी अभियान चलाया। नरेंद्र प्रताप सिंह, लालता प्रसाद सिंह (बनके गांव), कल्लू मल बरई, राजेंद्र प्रताप सिंह (देवाड़) गंभीर सिंह, आद्या प्रसाद उपाध्याय (पाकड़पुर), सूर्य नाथ तिवारी (अलीपुर) बृजमोहन सिंह (अलीपुर), शेर बहादुर सिंह (बनके गांव), कल्लू चौरसिया गिरधारी पाल (नूरपुर बनकेगांव), हरिनाथ (मुडिलाडीह), श्रीनाथ तिवारी, लालमणि निषाद (दोस्तपुर) सत्याग्रह कर जेल गए।
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हिन्दुस्थान समाचार / दयाशंकर गुप्ता