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मप्र के गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट में जंगल, नदी और आसमान के रोमांच की जादुई यात्रा

 






शिवपुरी, 12 सितंबर (हि.स.)। चंबल के विस्तृत बैकवॉटर पर जब सुबह की धूप सुनहरी किरणों से लहरों को रंगती है, तो ऐसा लगता है मानो प्रकृति खुद एक अद्भुत उत्सव का स्वागत कर रही हो। ठीक इसी माहौल में पर्यटकों का कारवां पहुंचता है मध्य प्रदेश के गांधीसागर, जहां जंगल की खामोशी, नदी की गहराई और आसमान की ऊंचाइयों का रोमांच एक साथ गले लगाने को तैयार खड़ा रहता है।

गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट का चौथा संस्करण केवल एक पर्यटन आयोजन नहीं, बल्कि रोमांच और संस्कृति का ऐसा संगम है जो आगंतुकों को जीवनभर याद रहने वाला अनुभव देता है। जैसे ही पर्यटक पचास लग्जरी टेंट्स से सजी टेंट सिटी में कदम रखते हैं, उन्हें लगता है मानो किसी रहस्यमयी दुनिया का द्वार खुल गया हो। दिन की शुरुआत पक्षियों की चहचहाहट और लहरों की गूंज से होती है, जबकि शाम ढलते ही टेंट्स रोशनी की सुनहरी झालरों से जगमगाने लगते हैं।

यहां हर कदम पर रोमांच बिखरा है। धरती पर कदम रखते ही जंगल सफारी आपको हिरणों की छलांग और परिंदों की उड़ान के बीच ले जाती है। नाइट वॉक पर निकलने वाले साहसी पर्यटक चांदनी में जंगल की सांसों को महसूस कर सकते हैं। वहीं बटरफ्लाई गार्डन में रंग-बिरंगी तितलियों के बीच बच्चों के चेहरे पर जो चमक आती है, वह किसी भी कैमरे से ज्यादा गहरी याद बन जाती है।

पानी पर पहुंचते ही कहानी हो जाती है दिलचस्प

पानी पर उतरते ही कहानी और भी दिलचस्प हो जाती है। बोट सफारी चंबल की लहरों पर सैलानियों को सरकाती हुई दूर तक ले जाती है, जहां पानी और आकाश एकाकार दिखाई देते हैं। वहीं बोट स्पा की शांति सैलानी को थकान से दूर ले जाकर सुकून की गहराई में डुबो देती है। पर इस सबके बीच असली रोमांच तब शुरू होता है जब कोई आसमान की ओर देखता है। हॉट एयर बैलून हवा में उठता है और नीचे फैला हरा-भरा जंगल व बैकवॉटर किसी कैनवास की तरह नज़र आता है। पैरासेलिंग और पैरामोटरिंग के पलों में दिल की धड़कनें तेज़ होती हैं, पर आंखें उसी समय सबसे खूबसूरत नज़ारों को कैद करती हैं। जेट स्की और जोरबिंग की रफ्तार युवाओं को जैसे चंबल की लहरों के साथ नाचने पर मजबूर कर देती है।

रात ढलते ही फॉरेस्ट रिट्रीट का असली जादू सामने आता है। खुले आसमान के नीचे जब लोक कलाकारों की धुनें गूंजती हैं, तो पूरा माहौल जीवंत हो उठता है। चूल्हों से उठती सुगंधित महक, पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद और हस्तशिल्प प्रदर्शन पर्यटकों को मध्यप्रदेश की आत्मा से जोड़ देते हैं। यह केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि प्रदेश की संस्कृति का जीवंत कैनवस है। इतना ही नहीं, यह रिट्रीट बच्चों और युवाओं को प्रकृति की पाठशाला से भी जोड़ता है। बटरफ्लाई गार्डन में तितलियों का जीवन चक्र, रॉक आर्ट इंटरप्रिटेशन ज़ोन में प्राचीन शैलचित्र, और बायोडायवर्सिटी वॉक में हरियाली की महक, ये सभी अनुभव पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हैं।

गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट का आकर्षण यही है कि यह हमें दो चरम अनुभवों का संगम देता है, एक ओर रोमांच की रफ्तार, दूसरी ओर आत्मा को छू लेने वाली शांति। कोई सैलानी चाहे लहरों पर जेट स्की की तेज़ धार चीर रहा हो, या फिर योग और वेलनेस सत्र में ध्यानमग्न हो, हर कोई यहां अपने भीतर एक नई ऊर्जा पाता है।

यही वजह है कि गांधीसागर का यह उत्सव केवल एक पर्यटन आयोजन नहीं, बल्कि जीवन का अनोखा अनुभव है। यहां जंगल की खामोशी, नदी की गहराई और आसमान की ऊंचाइयां मिलकर सैलानी को यह एहसास दिलाती हैं कि रोमांच और संस्कृति का असली संगम यहीं है।

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हिन्दुस्थान समाचार / युगल किशोर शर्मा