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बिहार में बिना लाइसेंस नहीं होगा मूर्ति विसर्जन, कोई जुलूस भी नहीं निकाल सकेगा

 


- नेपाल और सीमावर्ती राज्यों की सीमाओं, सभी थानों से लेकर साइबर यूनिट तक को किया गया अलर्ट

पटना, 28 सितंबर (हि.स.)।

बिहार में दुर्गा पूजा समेत आगामी त्योहारों को देखते दुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए हैं, जिसके तहत मूर्ति विसर्जन या किसी भी जुलूस के लिए स्थानीय प्रशासन से लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया है।

बिहार में दुर्गापूजा को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए व्यापक स्तर पर व्यवस्था की गई है। दुर्गापूजा समेत आगामी सभी पर्व-त्योहारों में सुरक्षा-व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है। दुर्गापूजा में बिना लाइसेंस के कोई भी पंडाल नहीं बनेगा और न ही किसी मूर्ति का विसर्जन होगा। किसी तरह का जुलूस भी बिना लाइसेंस के नहीं निकाला जाएगा। सभी जुलूस की वीडियोग्राफी अनिवार्य कर दी गई है।

पुलिस प्रवक्ता के अनुसार पूजा व उत्सवों के दौरान तमाम सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य रूप से करने के साथ ही सभी थानों को सुरक्षा-व्यवस्था बनाए रखने का सख्त निर्देश दिये हैं। राज्य के किसी थाना क्षेत्र में कोई हंगामा होता है या किसी तरह की लापरवाही सामने आती है, तो इसके लिए दोषी पदाधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

दुर्गा पूजा में सप्तमी, अष्टमी और नवमी तिथि को ग्रामीण तथा सुदूरवर्ती इलाकों से माता के दर्शन तथा पूजा पंडाल देखने लाखों की संख्या में लोग शहरों की तरफ आते हैं। उनके आवागमन के दौरान रास्ते में कई बार छिनतई, छेड़खानी और लूटपाट जैसी घटनाएं होती हैं। ऐसे में पुलिस को ऐसे रास्तों की पहचान खासतौर से करते हुए यहां अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था बहाल करने के निर्देश दिये गये हैं। शहर के सटे इलाकों में पर्याप्त रोशनी करने के लिए भी कहा गया है।

बिहार से जुड़ने वाली नेपाल की सीमा पर भी चौकसी बढ़ा दी गई है। सभी चौकियों को पूरी तरह से अलर्ट कर दिया गया है। सीमा पर मौजूद करीब 127 थानों को गश्ती बढ़ाने के साथ ही तलाशी अभियान तेज करने के लिए कहा गया है। पूजा-पंडालों की सुरक्षा और जुलूस में सुरक्षा की समुचित व्यवस्था के साथ ही तमाम मानकों का पालन हर हाल में करने के निर्देश दिए गए हैं।

नेपाल सीमा पर सशस्त्र सीमा बल की चौकसी भी बढ़ा दई गई है। इसे लेकर हाल में एक अहम बैठक भी की गई थी, जिसमें स्थानीय प्रशासन और थाना के साथ समुचित समन्वय स्थापित करके कार्य करने के लिए कहा गया था। नेपाल सीमा के साथ ही पड़ोसी राज्यों की सीमाओं पर भी चौकसी के साथ चेकिंग बढ़ा दी गई है। भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर सीसीटीवी से निगरानी रखी जा रही है। संवेदनशील स्थानों पर सादे लिबास में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।

पूजा-पंडाल को लेकर जारी कुछ दिशा-निर्देश

- पंडालों में सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य रूप से लगाए जाएं

- अग्निशमन से जुड़े उपकरण भी पर्याप्त संख्या में मौजूद हों

- पानी से भरे कुछ ड्रम भी पंडाल के पीछे वाले हिस्से में रखे जाएं, ताकि किसी आपात स्थिति में इनका उपयोग किया जा सके

- किसी पंडाल में कोई ऐसी झांकी, चित्र, स्लोगन या दृश्य प्रदर्शित नहीं होंगे, जिससे किसी की भावना आहत हो

- लाउडस्पीकर को निर्धारित डेसिबल के साउंड में ही बजाना है। रात 10 बजे के बाद इन्हें बंद कर देना है।

इस बाबत पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विनय कुमार ने बातचीत में कहा कि सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों (एसपी) से लेकर थाना स्तर तक सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है। हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए कहा गया है। अगर उपद्रव से संबंधित कोई शिकायत कहीं दर्ज होगा, तो उसकी स्पीडी ट्रायल करवाकर दोषियों को सजा दिलाई जाएगी। जनता से अनुरोध है कि किसी भी स्थिति में कानून को हाथ में नहीं लें। पुलिस को किसी घटना की सूचना तुरंत दें।

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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी