नदी किनारे लॉज बना कमाई का जरिया, ओड़फुली ग्राम पंचायत ने पेश की आत्मनिर्भरता की मिसाल
हावड़ा, 28 जून (हि.स.)।
राज्य सरकार द्वारा पंचायतों को आत्मनिर्भर बनने और अपनी आय बढ़ाने के लिए लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी दिशा में एक सराहनीय पहल करते हुए हावड़ा जिले के बागनान- दो ब्लॉक स्थित ओड़फुली ग्राम पंचायत ने अपनी जमीन पर दोमंजिला लॉज का निर्माण कर रोजगार और आय का नया रास्ता खोल दिया है।
यह लॉज रूपनारायण नदी के तट पर प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर स्थान पर स्थित है, जहां वर्ष भर पर्यटक और पिकनिक मनाने वाले लोगों की आवाजाही बनी रहती है। पंचायत ने पर्यटकों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इस परियोजना को आत्मनिर्भरता के मॉडल के रूप में विकसित किया है।
लगभग चार बीघा भूमि पर बने इस दोमंजिला लॉज में सात सुसज्जित कमरे, एक स्थायी मंच, और एक ऑडिटोरियम की व्यवस्था की गई है। पर्यटकों के मनोरंजन के लिए लॉज परिसर में राइड्स और झूलों की सुविधाएं भी दी गई हैं। इसके अलावा, लॉज से सटे क्षेत्र में एक पार्क का भी निर्माण किया गया है।
खास बात यह है कि यहां भोजन की व्यवस्था भी उपलब्ध है। पर्यटक चाहें तो स्वयं खाना पका सकते हैं, या फिर महिला स्व-सहायता समूहों की सहायता से स्थानीय भोजन का स्वाद ले सकते हैं।
लॉज के निर्माण में पंचायत द्वारा सरकारी अनुदान, विशेष रूप से 15वें वित्त आयोग के फंड, का उपयोग किया गया है। जमीन समतलीकरण का कार्य मनरेगा (सौ दिन रोजगार योजना) के अंतर्गत किया गया। वहीं उलुबेरिया लोकसभा क्षेत्र की सांसद साजदा अहमद ने अपने सांसद निधि से पांच लाख रुपये की सहायता राशि भी उपलब्ध कराई।
लॉज की भौगोलिक स्थिति इसे और भी खास बनाती है। इसके पास ही कोलाघाट रेलवे ब्रिज, राष्ट्रीय राजमार्ग-16, और रेलवे लाइन गुजरती है, जिससे कोलकाता सहित अन्य शहरों से आसान पहुंच सुनिश्चित होती है।
यहां से लगभग दस किलोमीटर की दूरी पर प्रसिद्ध साहित्यकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय का आवास (सामताबेड़) और बीरामपुर का गोपाल मंदिर जैसे दर्शनीय स्थल भी मौजूद हैं।
ग्राम प्रधान रघुनाथ जना के अनुसार, “हमने इस लॉज को आम लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया है। क्षेत्र में महंगे होटल पहले से मौजूद हैं, लेकिन आम लोगों के लिए वह संभव नहीं। हमारा प्रयास है कि हर कोई कम खर्च में अच्छा अनुभव ले सके। साथ ही इससे पंचायत की भी आय बढ़ रही है।”
बागनान- दो पंचायत समिति के अध्यक्ष प्रियजीत नंदी ने इसे “भविष्य के लिए रोल मॉडल” बताते हुए पंचायत की सराहना की। वहीं स्थानीय इतिहास के प्रोफेसर बुबाई बाग और शिक्षानुरागी महफूज रहमान मिद्दे ने इसे “राज्य भर के लिए प्रेरणा देने वाली पहल” करार दिया।
हिन्दुस्थान समाचार / अनिता राय