गुजरात के सूरत में पहली बुलेट ट्रेन अब तेजी से हकीकत बनती तस्वीर है, निर्माण की रफ्तार से प्रधानमंत्री मोदी खुश
सूरत, 17 नवंबर (हि.स.)। भारत की पहली बुलेट ट्रेन अब सिर्फ सपना नहीं बल्कि तेजी से हकीकत बनती तस्वीर है। इसी ऐतिहासिक उपलब्धि को करीब से देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के सूरत में निर्माणाधीन बुलेट ट्रेन स्टेशन का विशेष दौरा किया। प्रधानमंत्री ने यहाँ हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर की प्रगति की बारीकी से समीक्षा की और इंजीनियरों व प्रोजेक्ट टीम से सीधे संवाद किया।
इंजीनियरों की कहानी से प्रधानमंत्री भी प्रभावित
निरीक्षण के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने प्रोजेक्ट पर काम कर रही युवा इंजीनियरों की टीम से बात की। केरल की एक इंजीनियर ने नवसारी स्थित शोर-रोधी फैक्टरी में रोबोटिक वेल्डिंग यूनिट्स पर काम करने का अपना अनुभव साझा करते हुए इसे “गर्व का क्षण” कहा। प्रधानमंत्री ने उनसे पूछा, “भारत की पहली बुलेट ट्रेन पर काम करना कैसा लगता है?” उन्होंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया—“हमारे परिवार के लिए यह ड्रीम प्रोजेक्ट है।”
अपनी सीखों को ब्लू-बुक की तरह दर्ज करें—प्रधानमंत्री का महत्वपूर्ण संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे प्रोजेक्ट को भारत की इंजीनियरिंग क्षमता का निर्णायक पड़ाव बताते हुए कहा—इस परियोजना में जो अनुभव मिले हैं, उन्हें ब्लू-बुक के रूप में डॉक्यूमेंट करना चाहिए, ताकि भविष्य में भारत को दोबारा प्रयोग न दोहराने पड़े और हाई-स्पीड रेल नेटवर्क का विस्तार बिना रुकावट हो सके। उन्होंने
कहा, “जब देश के लिए कुछ नया करने की भावना जागृत होती है, तो वही सबसे बड़ी प्रेरणा बन जाती है।”
बेंगलुरु की मुख्य इंजीनियर श्रुति ने बताया, कैसे बन रही है भारत की सबसे तेज़ रेल लाइन
मुख्य इंजीनियरिंग प्रबंधक श्रुति ने प्रधानमंत्री को बताया कि हर चरण में डिज़ाइन से लेकर सुरक्षा तक हर माइक्रो पॉइंट पर विश्लेषण किया जाता है और फायदे–नुकसान का आकलन होता है,जिससे समाधान तैयार किए जाते हैं और लक्ष्य होता है—दोषरहित कार्यान्वयन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीम की पेशेवर दक्षता की सराहना की।
508 किमी की बुलेट लाइन—85 फीयद हिस्सा पुलों पर, काम तेज रफ्तार में
मुंबई–अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल :
कुल लंबाई : 508 किमी
गुजरात– डीएंडएनएच: 352 किमी
महाराष्ट्र–156 किमी
85 फीसद हिस्सा : पुलों पर, ताकि सुरक्षा भी बढ़े और भूमि अधिग्रहण भी कम हो
अब तक 326 किमी पुल निर्माण पूरा
27 में से 17 नदी पुल तैयार
यह कॉरिडोर बड़े शहरों—अहमदाबाद, वडोदरा, भरूच, सूरत, वापी, ठाणे और मुंबई—को जोड़कर भारत की यात्रा संस्कृति में क्रांति लाने वाला है।
47 किमी का सूरत–बिलिमोरा सेक्शन लगभग तैयार, ट्रैक बिछाना पूरा
सूरत–बिलिमोरा का 47 किमी हिस्सा आखिरी चरण में है।
-सिविल वर्क पूरा
-ट्रैक बिछाने का काम 100 फीसद
-स्टेशन का डिज़ाइन हीरा उद्योग से प्रेरित—अंतरराष्ट्रीय स्तर का
यह स्टेशन—सूरत मेट्रो, सिटी बस, रेलवे के साथ सीमलेस मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी देगा।
मुंबई–अहमदाबाद यात्रा अब सिर्फ 2 घंटे में , पर्यटन, व्यापार और विकास को नई रफ्तार
परियोजना पूरी होते ही यात्रा समय घटकर 2 घंटे हो जाएगी। पर्यटन, बिज़नेस, औद्योगिक गतिविधियों को नई उड़ान मिलेगी। कोरिडोर के दोनों ओर तेज़ आर्थिक विकास होगा। यह सिर्फ रेल नहीं भारत की रफ़्तार का नया अध्याय है। दौरे में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मौजूद, ग्राउंड रियलिटी का विस्तार से निरीक्षण
प्रधानमंत्री के साथ केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव भी थे। उन्होंने निर्माण की बारीकियों, टेक्नोलॉजी और शेड्यूल को लेकर अधिकारियों से विस्तृत समीक्षा की।
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हिन्दुस्थान समाचार / यजुवेंद्र दुबे