सूक्ष्म सिंचाई तकनीक से महिला कृषक बनी आत्मनिर्भर
-बिछना देवी ने खेती काे दिया नया आयाम
-कम पानी में हुआ अधिक उत्पादन
रुद्रप्रयाग, 14 अक्टूबर (हि.स.)। ग्रामोत्थान परियोजना महिलाओं काे आत्मनिर्भर बनाने में अहम साबित हाे रही है। ग्राम स्तर पर महिलाएं सीमित संसाधनाें में अपनी आजीविका काे नया आयाम दे रही हैं। इसी के तहत सूक्ष्म सिंचाई एक आधुनिक जल प्रबंधन तकनीक है जो सीधे पौधों की जड़ों तक सीमित मात्रा में पानी पहुंचाती है, इसे जल-संरक्षण तकनीक माना जाता है और यह जलवायु-स्मार्ट कृषि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
वर्ष २०२३ में, ग्रामोत्थान परियोजना के नियमों एवं मानदंडों के अनुसार, बिछना देवी को व्यक्तिगत उद्यम सूक्ष्म सिंचाई गतिविधि के लिए चयनित किया गया। इस उद्यम की कुल लागत ५० हजार पांच साै रही, जिसमें २५ हजार २ साै ५० बैंक ऋण, १० हजार २ दाे साै ५० रूपये उनका व्यक्तिगत अंशदान और १५ हजार सहायता के रूप में प्राप्त हुए। बिछना देवी ने इस उद्यम के तहत सब्जियों का उत्पादन प्रारंभ किया और वर्तमान में वह मनसूना एवं उखीमठ के क्षेत्रीय बाजारों में अपनी सब्जियां बेच रही हैं।
इस गतिविधि से उन्हें वार्षिक ७० हजार से ८० हजार और मासिक ६ हजार से ७ हजार तक की आय प्राप्त हो रही है। उनकी सफलता से प्रेरित होकर क्षेत्र की अन्य महिलाएं भी सूक्ष्म सिंचाई तकनीक अपनाने के लिए आगे आ रही हैं। अब बिछना देवी अपने कृषि उत्पादों का मूल्यवर्धन करने तथा स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन हेतु अचार, पापड़ निर्माण एवं आटा चक्की जैसे छोटे पैमाने के खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना की योजना बना रही हैं।
मुख्य विकास अधिकारी राजेंद्र सिंह रावत ने कहा कि च्च्जनपद रुद्रप्रयाग के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं। सूक्ष्म सिंचाई जैसी आधुनिक कृषि तकनीकें न केवल जल संरक्षण में सहायक हैं, बल्कि किसानों की आय दोगुनी करने में भी अहम भूमिका निभा रही हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / दीप्ति