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बलरामपुर : प्रकृति की गोद में नए साल का जश्न, रामानुजगंज का पलटन घाट सैलानियों की पहली पसंद

 






बलरामपुर, 19 दिसंबर (हि.स.)।आधा दिसंबर बीत चुका है और नए साल के आगमन में अब महज बारह दिन शेष रह गए हैं। जैसे-जैसे जनवरी नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे पिकनिक और सैर-सपाटे की तैयारियां भी जोर पकड़ने लगी हैं। उत्तर छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले की सरहद पर बसा रामानुजगंज इस मौसम में खास तौर पर सैलानियों को आकर्षित करता है। यहां स्थित पलटन घाट हर साल एक जनवरी को छत्तीसगढ़ और झारखंड से आने वाले हजारों पर्यटकों के लिए नए साल के जश्न का प्रमुख केंद्र बन जाता है।

रामानुजगंज स्थित पलटन घाट प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर इलाका है। कन्हर नदी यहां कल-कल बहती हुई घाट को जीवंत बना देती है। नदी के दोनों किनारों पर फैली रंग-बिरंगी चट्टानें और चौड़ी रेतीली सतह सैलानियों को अपनी ओर खींच लेती हैं। यही वजह है कि हर साल नए साल के पहले दिन यहां लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है। सुबह से ही परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ लोग पलटन घाट पहुंचने लगते हैं। कोई नदी किनारे बैठकर प्रकृति का आनंद लेता है, तो कोई रेतीली जमीन पर चूल्हा जलाकर पिकनिक का लुत्फ उठाता है। बच्चे रेत और पानी में खेलते नजर आते हैं, वहीं युवा वर्ग फोटो और वीडियो बनाकर इस पल को यादगार बनाता है।

पलटन घाट की खास बात यह है कि यह पूरी तरह प्राकृतिक स्थल है, जहां शोर-शराबे से दूर लोग सुकून के कुछ पल बिता सकते हैं। झारखंड की सीमा से सटा होने के कारण पड़ोसी राज्य से भी बड़ी संख्या में सैलानी यहां पहुंचते हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, एक जनवरी को पलटन घाट किसी मेले से कम नहीं नजर आता।

हालांकि, जितना सुंदर और आकर्षक यह स्थल दिखता है, उतना ही सतर्कता की भी जरूरत है। कन्हर नदी का जलस्तर कई जगह अचानक गहरा हो जाता है, जिसका अंदाजा बाहर से नहीं लग पाता। पूर्व में यहां नहाने के दौरान डूबने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिनमें कई लोगों ने अपनी जान गंवाई है। इसके बावजूद हर साल लोग बिना पर्याप्त सावधानी के नदी में उतर जाते हैं, जो चिंता का विषय है।

इस संबंध में स्थानीय समाजसेवी विकास दुबे बताते है कि, पलटन घाट हमारे इलाके की पहचान है। यहां की खूबसूरती लोगों को खींच लाती है, लेकिन नदी के कुछ हिस्से बहुत खतरनाक हैं। बाहर से पानी कम दिखता है, पर भीतर गहराई ज्यादा है। हम चाहते हैं कि लोग यहां आएं, आनंद लें, लेकिन नदी में उतरते समय पूरी सावधानी बरतें।

स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों का भी मानना है कि यदि सैलानी सतर्क रहें और बच्चों पर विशेष नजर रखें, तो किसी भी तरह की अनहोनी से बचा जा सकता है। घाट पर चेतावनी बोर्ड और स्थानीय लोगों द्वारा समय-समय पर समझाइश देने की जरूरत भी महसूस की जा रही है।

कुल मिलाकर, नए साल के स्वागत के लिए रामानुजगंज का पलटन घाट एक बेहतरीन और यादगार स्थल है। प्रकृति की गोद में बिताए गए ये पल लोगों के लिए साल की शानदार शुरुआत बन सकते हैं। बस जरूरत है तो इस खूबसूरती के साथ समझदारी और सावधानी बरतने की, ताकि नया साल खुशियों के साथ-साथ सुरक्षित भी रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / विष्णु पांडेय