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Strait of Hormuz: ईरान-इजरायल तनाव से वैश्विक तेल आपूर्ति पर खतरा

ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के कारण होर्मुज जलडमरूमध्य पर खतरा मंडरा रहा है। अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद, ईरान ने इस महत्वपूर्ण जलमार्ग को बंद करने की चेतावनी दी है। यदि ऐसा हुआ, तो इसका गंभीर प्रभाव वैश्विक और भारतीय तेल आपूर्ति पर पड़ेगा। भारत अपनी 40% कच्चे तेल और 50% से अधिक LNG की आपूर्ति इसी मार्ग से करता है। जानें, इस संवेदनशील जलमार्ग की स्थिति और इसके संभावित परिणामों के बारे में।
 

Strait of Hormuz: तनाव की नई परतें

Strait of Hormuz: ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के साथ अमेरिका की भी एंट्री ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। अमेरिका ने ईरान के तीन महत्वपूर्ण परमाणु स्थलों पर हवाई हमले किए हैं, जिसके जवाब में ईरान ने होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की चेतावनी दी है। यदि ईरान ऐसा करता है, तो इसका प्रभाव वैश्विक और भारतीय तेल आपूर्ति पर गहरा पड़ेगा।


वैश्विक तेल आपूर्ति पर प्रभाव

होर्मुज जलडमरूमध्य से लगभग 20% कच्चे तेल का परिवहन होता है। यह मार्ग ओमान और ईरान के बीच स्थित है, जहां प्रतिदिन लगभग 1.8 करोड़ बैरल तेल और अन्य ईंधन का आवागमन होता है। यदि यह मार्ग बंद होता है, तो वैश्विक ऊर्जा संकट उत्पन्न हो सकता है।


भारत पर संभावित प्रभाव

भारत पर क्या असर पड़ेगा? यदि ईरान अपनी धमकी को पूरा करता है, तो भारत को गंभीर नुकसान हो सकता है। भारत अपनी 40% कच्चे तेल और 50% से अधिक तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) की आपूर्ति इसी मार्ग से करता है। कतर की LNG आपूर्ति में लगभग 80% हिस्सेदारी है, जबकि UAE से भी बड़ी मात्रा में गैस आती है। ये दोनों देश होर्मुज जलडमरूमध्य पर निर्भर हैं।


संवेदनशीलता का कारण

क्यों है यह रास्ता इतना संवेदनशील? होर्मुज जलडमरूमध्य की चौड़ाई सबसे संकरी जगह पर केवल 33 किलोमीटर है, जबकि शिपिंग लेन केवल 3 किलोमीटर चौड़ी है। इसका संकरा होना और रणनीतिक महत्व इसे असुरक्षित बनाता है। ईरान इस मार्ग को दबाव बनाने के एक उपकरण के रूप में देखता है और इसे नियंत्रित करने वाले द्वीपों का लाभ उठाता है।


ईरान की पूर्व चेतावनियाँ

पहले भी दे चुका है ईरान धमकी यह पहली बार नहीं है जब ईरान ने इस मार्ग को बंद करने की चेतावनी दी है। जनवरी 2012 में भी ईरान ने अमेरिका और यूरोपीय प्रतिबंधों के विरोध में ऐसा करने की चेतावनी दी थी, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। मई 2019 में, इस मार्ग के पास चार जहाजों पर हमले हुए थे, जिनमें दो सऊदी टैंकर शामिल थे।


हाल के घटनाक्रम

हाल के घटनाक्रम 2023 और 2024 में ईरान ने इस जलमार्ग के पास तीन पोतों को जब्त किया। हाल ही में ईरान-इजरायल के बीच टकराव के बाद GPS में इंटरफेरेंस की घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे 1,000 से अधिक जहाज प्रभावित हुए हैं।


वैकल्पिक मार्गों की खोज

वैकल्पिक मार्ग कितने प्रभावी? रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, UAE और सऊदी अरब होर्मुज को बायपास करने के वैकल्पिक मार्ग खोजने की कोशिश कर रहे हैं। अमेरिका की एनर्जी इंफॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन (EIA) के अनुसार, UAE और सऊदी अरब की मौजूदा पाइपलाइनों में लगभग 2.6 मिलियन बैरल प्रतिदिन की अतिरिक्त क्षमता है, जिससे होर्मुज को आंशिक रूप से बायपास किया जा सकता है।