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TCS में 12,000 कर्मचारियों की छंटनी पर IT मंत्रालय की नजर

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने 12,000 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी का निर्णय लिया है, जिस पर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की कड़ी नजर है। मंत्रालय इस मामले की बारीकी से निगरानी कर रहा है और इसके कारणों की जांच करेगा। कंपनी ने रोजगार वृद्धि को प्राथमिकता दी है और कौशल विकास पर भी जोर दिया है। जानें इस छंटनी का प्रभाव और कंपनी की भविष्य की रणनीतियों के बारे में।
 

TCS की छंटनी पर IT मंत्रालय की सक्रियता


नई दिल्ली। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) द्वारा 12,000 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी के निर्णय पर ध्यान केंद्रित किया है। सूत्रों के अनुसार, मंत्रालय इस मामले की बारीकी से निगरानी कर रहा है। कंपनी ने यह स्पष्ट किया है कि रोजगार वृद्धि उसकी प्राथमिकताओं में शामिल है। इसके साथ ही, रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजनाओं पर जोर दिया जा रहा है, साथ ही कौशल विकास और पुनर्कौशल विकास पर भी ध्यान दिया जा रहा है।


सूत्रों ने बताया कि आईटी मंत्रालय पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए है और तकनीकी कंपनी के साथ संपर्क में है। मंत्रालय इस छंटनी के कारणों को समझने के लिए जांच करेगा। यह स्थिति इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि टीसीएस, जो भारत की सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी है, इस वर्ष 12,261 कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है, जो उसके वैश्विक कार्यबल का दो प्रतिशत है। इसका प्रभाव मुख्य रूप से मध्यम और वरिष्ठ स्तर पर पड़ेगा।


30 जून, 2025 तक टीसीएस के कर्मचारियों की संख्या 6,13,069 थी। हाल ही में समाप्त तिमाही में, कंपनी ने अपने कर्मचारियों की संख्या में 5,000 की वृद्धि की। टीसीएस ने एक बयान में कहा कि यह कदम कंपनी की 'भविष्य के लिए तैयार संगठन' बनने की रणनीति का हिस्सा है, जो प्रौद्योगिकी, एआई तैनाती, बाजार विस्तार और कार्यबल पुनर्गठन में निवेश पर केंद्रित है।


कंपनी ने कहा है कि 'टीसीएस भविष्य के लिए तैयार संगठन बनने की दिशा में अग्रसर है। इसमें कई मोर्चों पर रणनीतिक पहल शामिल हैं, जैसे नई तकनीक में निवेश, नए बाजारों में प्रवेश, बड़े पैमाने पर एआई का उपयोग, साझेदारियों को मजबूत करना, अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे का निर्माण और कार्यबल मॉडल का पुनर्गठन।'