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जानें कौन से ग्रह बनाते हैं दुर्घटना का योग: पंडित सुरेश पांडेय की सलाह

हर दिन एक जैसा नहीं होता, और ग्रहों की स्थिति से यह तय होता है कि व्यक्ति को किस प्रकार की घटनाओं का सामना करना पड़ेगा। पंडित सुरेश पांडेय आज बताएंगे कि कौन से ग्रहों के दोष से दुर्घटनाओं का योग बनता है। जानें कि कब और कैसे ये घटनाएं घटित हो सकती हैं। इस लेख में ग्रहों के प्रभाव और उनके संकेतों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।
 

कालचक्र आज:

हर दिन एक जैसा नहीं होता। कभी-कभी दिन अच्छे होते हैं, जबकि कभी व्यक्ति को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति के आधार पर, व्यक्ति को भविष्य में होने वाली शुभ और अशुभ घटनाओं का अनुमान लगाया जा सकता है।


ग्रहों के दोष और दुर्घटनाओं के संकेत

प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय आज आपको बताएंगे कि कौन से ग्रहों के दोष से दुर्घटना का योग बनता है और कब किस प्रकार की घटनाएं घटित हो सकती हैं।


ये ग्रह देते हैं अनहोनी के संकेत:



  • यदि 8वें भाव में मंगल नीच या वक्री होकर शनि से प्रभावित हो, तो हड्डी टूटने या अचानक ऑपरेशन होने की संभावना होती है।

  • कुंडली के छठे या आठवें भाव में मंगल, शनि या केतु के साथ होने पर धारदार चीजों, मशीनों या औजारों से चोट लगने का खतरा रहता है।

  • यदि मंगल-केतु या मंगल-राहु की युति मेष, सिंह या धनु राशि में हो, तो आग, गैस लीक, सिलेंडर फटने या विस्फोट के कारण दुर्घटनाएं हो सकती हैं।

  • जन्म कुंडली में मंगल तीसरे, चौथे, आठवें या 12वें भाव में हो और मंगल की राहु या शनि से युति हो, तो तेज गति, लापरवाही या तकनीकी खराबी के कारण दुर्घटनाएं हो सकती हैं।


दुर्घटनाओं के अन्य संकेत



  • यदि 12वें भाव में मंगल राहु या केतु के साथ हो, तो ऊंचाई से गिरने के कारण दुर्घटना हो सकती है।

  • राहु का 12वें भाव से संबंध या राहु का 12वें भाव में गोचर करना विदेश में या घर से दूर दुर्घटनाओं का संकेत देता है।

  • मंगल छठे, आठवें या 12वें भाव में हो या मंगल-चंद्रमा की युति हो, तो लड़ाई-झगड़े, क्रोध या हिंसा के कारण चोट लग सकती है।

  • कुंडली में राहु-मंगल की युति सड़क दुर्घटनाओं का कारण बन सकती है, जो तेज गति या नशे में गाड़ी चलाने के कारण होती हैं।


यदि आप अनहोनी के अन्य संकेतों के बारे में जानना चाहते हैं, तो ऊपर दिए गए वीडियो को देखें।