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UGC की डिफॉल्टर सूची में शामिल प्रमुख IIT, IIM और AIIMS संस्थान

UGC ने देश के प्रमुख IIT, IIM, AIIMS और NID संस्थानों को डिफॉल्टर सूची में शामिल किया है। यह कार्रवाई रैगिंग रोधी मानदंडों के उल्लंघन के कारण की गई है। 17 संस्थानों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, जिसमें चार IIT और तीन IIM शामिल हैं। UGC ने चेतावनी दी है कि यदि संस्थान 30 दिनों में नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो उनके अनुदान और वित्त पोषण वापस ले लिए जाएंगे। जानें इस मामले में और क्या है खास।
 

नई दिल्ली में यूजीसी की कार्रवाई

नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने देश के कई प्रमुख IIT, IIM, AIIMS और NID संस्थानों को डिफॉल्टर सूची में रखा है। चार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) और तीन भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) रैगिंग रोधी मानदंडों का पालन न करने के कारण इस सूची में शामिल किए गए हैं। यह जानकारी UGC के अधिकारियों ने दी है।


डिफॉल्टर सूची में 17 संस्थान शामिल

UGC ने देशभर के 89 संस्थानों को एंटी-रैगिंग मानदंडों के अनुपालन के लिए शपथ पत्र जमा न करने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। डिफॉल्टर सूची में IIT, IIM, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) और राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (NID) सहित कुल 17 संस्थान शामिल हैं।


कौन से IIT और IIM हुए डिफॉल्टर?

डिफॉल्टर में शामिल IIT हैं: IIT बॉम्बे, IIT खड़गपुर, IIT पलक्कड़ और IIT हैदराबाद। इसी तरह, IIM बॉम्बे, IIM रोहतक और IIM तिरुचिरापल्ली भी इस सूची में हैं। इसके अलावा, AIIMS रायबरेली और NID- दिल्ली, आंध्र प्रदेश और हरियाणा भी डिफॉल्टर में शामिल हैं।


रैगिंग मानदंडों का उल्लंघन

UGC सचिव मनीष जोशी ने बताया कि आयोग द्वारा जारी कई परामर्शों और एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन से कॉल के बावजूद, ये संस्थान छात्रों का अनिवार्य एंटी-रैगिंग शपथ पत्र और अनुपालन हलफनामा प्रस्तुत करने में असफल रहे हैं।


संस्थान को दी गई चेतावनी

UGC ने नियमों का पालन न करने वाले संस्थानों को चेतावनी दी है कि यदि 30 दिनों के भीतर मानदंडों का पालन नहीं किया गया, तो UGC अनुदान और वित्त पोषण वापस ले लिया जाएगा, जिससे वित्तीय सहायता और शोध परियोजनाएं प्रभावित होंगी।


अन्य प्रमुख डिफॉल्टर संस्थान

डिफॉल्टर सूची में अन्य प्रमुख संस्थान हैं: राष्ट्रीय औषधि शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (NIPER), हैदराबाद, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU), नालंदा विश्वविद्यालय, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) और भारतीय सांख्यिकी संस्थान, कोलकाता। एंटी-रैगिंग विनियम, 2009 के अनुसार, प्रत्येक छात्र और उनके अभिभावकों को प्रवेश के समय और हर शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत में एंटी-रैगिंग शपथ पत्र प्रस्तुत करना आवश्यक है।