UN महासभा में बेंजामिन नेतन्याहू का विवादास्पद भाषण, कई देशों ने किया बहिष्कार
नेतन्याहू के भाषण के दौरान राजनयिकों का बहिष्कार
शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के भाषण के दौरान कई देशों के राजनयिक हॉल से बाहर चले गए। यह घटना उस समय हुई जब इज़राइल गाजा में अपनी सैन्य कार्रवाई के चलते वैश्विक स्तर पर अलगाव का सामना कर रहा है। नेतन्याहू पर अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय में युद्ध अपराधों के आरोप भी लगाए गए हैं।
नेतन्याहू का संदेश
नेतन्याहू ने क्या कहा?
अपने संबोधन में नेतन्याहू ने स्पष्ट किया कि इज़राइल गाजा में अपनी कार्रवाई को पूरा करेगा और इसे 'जितनी जल्दी हो सके' समाप्त करने का संकल्प लिया है। भाषण से पहले, उन्होंने इज़राइली सेना को गाजा पट्टी में लाउडस्पीकर लगाने का निर्देश दिया ताकि उनका संदेश सीधे फिलिस्तीनियों तक पहुंच सके।
रिपोर्टों के अनुसार, अधिकांश अरब और मुस्लिम देशों के प्रतिनिधि भाषण के दौरान हॉल से बाहर चले गए। इसके अलावा, कई अफ्रीकी और कुछ यूरोपीय देशों के प्रतिनिधियों ने भी इस बहिष्कार में भाग लिया। यह घटना इस बात को दर्शाती है कि इज़राइल वर्तमान में वैश्विक मंच पर खुद को अलग-थलग महसूस कर रहा है, और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को छोड़कर उसके पास सीमित सहयोगी हैं।
फिलिस्तीनी राष्ट्रपति का संबोधन
एक दिन पहले, फ़लस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने ट्रंप प्रशासन द्वारा वीज़ा न दिए जाने के बावजूद महासभा को दूर से संबोधित किया। उन्होंने कहा कि फ़लस्तीनी गाजा की पीड़ा के बावजूद वहां कभी नहीं छोड़ेंगे।
इज़राइल की खुफिया सेवाओं की सराहना
फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता
नेतन्याहू ने कहा कि इज़राइली खुफिया एजेंसियों ने फ़ोनों और अन्य माध्यमों से अपने भाषण का गाजा में प्रसारण सुनिश्चित किया। उन्होंने हमास नेताओं से आत्मसमर्पण करने, हथियार डालने और बंधकों को रिहा करने का आह्वान किया।
नेतन्याहू ने यह भी कहा कि कई नेता सार्वजनिक रूप से इज़राइल की आलोचना करते हैं, लेकिन निजी तौर पर वे इज़राइल की खुफिया सेवाओं की सराहना करते हैं, जिन्होंने बार-बार आतंकवादी हमलों को रोका। इस बीच, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस और कई अन्य देशों ने फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता दी। उनका कहना था कि यह कदम द्वि-राज्य समाधान की संभावना बनाए रखने और इज़राइल-फ़िलिस्तीन संघर्ष को समाप्त करने में मदद करेगा। संयुक्त राष्ट्र सप्ताह में दस देशों ने फिलिस्तीनी राज्य को आधिकारिक मान्यता दी।
यह घटनाक्रम इस बात को रेखांकित करता है कि इज़राइल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलगाव और आलोचना के बावजूद अपने सैन्य और राजनयिक लक्ष्यों के प्रति दृढ़ है।